गुरु कृपा से ही संभव है परमात्मा का दर्शनः श्याम सारथी
हर्रैया, बस्ती। नगर पंचायत के ग्राम भदासी गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस अवध धाम से पधारे कथावाचक आचार्य श्याम सारथी ने श्रद्धालुओं को भक्त राज ध्रुव की कथा श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि ध्रुव मात्र 5 वर्ष की अवस्था में परमात्मा को प्राप्त कर लिए क्योंकि उनको नारद जैसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हो गया था।
अगर नारद जैसे गुरु का सानिध्य हम सबको भी प्राप्त हो जाए तो हम सबको भी भगवान का दर्शन सीघ्रता से प्राप्त हो सकता है। गुरु के महात्मा का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि गुरु का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। गुरु अंधकार से निकाल करके शिष्य को प्रकाश की ओर ले जाता है। असत्य से सत्य की ओर ले जाता है। कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग को राजा परीक्षित ने पांच स्थान दिया। पहला जहां पर जुआ खेला जाता है, दूसरा जहां पर मदिरा का पान होगा, तीसरा जहां पर काम वासना होगी, चौथा जहां पर किसी की हिंसा होगी जीव जंतु मारे जाएंगे वहां कलयुग का वास होगा।
उन्होंने ऋषभदेव के पुत्र भरत का चरित्र श्रवण कराया जिनके नाम से इस देश का नाम भारत पड़ा। कहा कि अथर्व वेद में एक मंत्र आता है जिसमें इस मनुष्य शरीर को भी अयोध्या नगरी कहा गया है। इस मनुष्य शरीर रूपी अयोध्या नगरी में देवता निवास करते हैं। इस शरीर में 8 चक्र और 9 दरवाजे हैं इसलिए अपने मनुष्य शरीर को पावन पवित्र एवं निर्मल रखना चाहिए ताकि शरीर में भगवान का दर्शन जीव प्राप्त कर सकें। परीक्षित के जन्म कर्म की कथा तथा पितामह भीष्म के महाप्रयाण की कथा श्रवण कराई।
कथा व्यास ने कहा कि कुंती ने भगवान से वरदान स्वरूप दुख मांग करके भगवान की स्मृति सदा सर्वदा बनी रहे यही मंगल कामना किया। भगवान ने कुंती से कहा बुआ दुनिया के लोग सुख मांगते हैं, धन मांगते हैं, संपत्ति मांगते हैं और आप दुख मांग रही हो तो बुआ ने बड़ा सुंदर उत्तर दिया। कुंती कहती हैं कि कृष्ण दुख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोई, जो सुख में सुमिरन करें तो दुख काहे को होय! इसीलिए जीवन में दुख नितांत आवश्यक है जिससे भगवान को याद करते रहें। हे माधव इसलिए हमें दुख ही प्यारा है।
कथा कथा में आचार्य हरिओम शास्त्री, आचार्य शिवम शास्त्री, पं. रवि शास्त्री, पं. मनीष शास्त्री, मुख्य यजमान राममूर्ति पांडेय, सरोज पांडेय, सूबेदार पांडेय, राम अभिलाष पांडेय, पूर्व प्रधान शिव नारायण पांडेय, सभासद प्रतिनिधि रमाकांत पांडेय, पंडित विश्वामित्र तिवारी, राज नारायण मिश्रा, पंडित केशव प्रसाद पांडेय, गंगा प्रसाद पांडेय, राम अभिलाष पांडेय, बेनी माधव, गिरजेश, बृजेश, शशांक, ठाकुर प्रसाद पांडेय, सुरेन्द्र पांडेय, रमेश पांडेय, आशुतोष पांडेय, शत्रुध्न पाण्डेय, बालमुकुंद पांडेय, नैमिष, मयंक, शिशिर, विपुल, चंद्र शेखर शुक्ला, दीपक, नित्यानद पांडेय, एडवोकेट श्यामाकांत पांडेय, प्रदीप, आशुतोष पांडेय, ओंकार नाथ पाण्डेय, सीता शरण पांडेय, राधा शरण, गणेश, महेश, सुरेंद्र, राघवेंद्र, सुनील, सियाराम, मोहित, रोहित तिवारी, पवन, राज पांडेय, श्लोक, प्रेम प्रकाश, सूर्य प्रकाश सहित तमाम श्रोता मौजूद रहे।