• Subscribe Us

logo
07 मई 2024
07 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
धर्म/आस्था

भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है

Posted on: Wed, 10, Apr 2024 10:03 PM (IST)
भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है

बस्ती। भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान है इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। लेकिन माता सती और बाद में उनके ही दूसरे रूप माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कड़ी तपस्या की थी। माता सती भगवान शिव की पहली पत्नी हैं। वह प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं। राजा दक्ष ने अपनी तपस्या से देवी भगवती को प्रसन्न किया।

इसके बाद माता भगवती ने ही सती के रूप में उनके घर में जन्म लिया। देवी भगवती का रूप होने के कारण सती दक्ष की सभी पुत्रियों में सबसे अलौकिक थीं। वह बचपन से ही भगवान शिव की भक्ति में लीन रहती थीं। सती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना की थी। उन्हें इसका फल भी प्राप्त हुआ और उन्हें शिव पति के रूप में प्राप्त हुए। यह सद् विचार कथा व्यास अंकितदास जी महाराज ने श्रीराम जानकी मंदिर निपनिया चौराहा में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त दसकोलवा में आयोजित 9 दिवसीय श्री शिव शक्ति महायज्ञ और श्रीराम कथा में तीसरे दिन व्यक्त किया।

कथा व्यास रूद्रनाथ मिश्र ने श्रीराम कथा के विविध प्रसंगों का विस्तार से वर्णन करते हुये कहा कि ‘सियाराम मय सब जग जानी’’ जगत में ऐसा कुछ भी नही जो परमात्मा से भिन्न हो। भक्ति ही नही शत्रु भाव से भी जिसने परमात्मा को अपने चित्त में रखा उसका कल्याण हो गया।संसार में जड़ चेतन जो कुछ भी दृश्य अदृश्य है उसमें परमात्मा का वास है। यह सृष्टि ईश्वर की इच्छा पर संचालित हो रही है। जीव का धर्म है कि वह सहजता से शिव में विलय के लिये अपने आप को इस रूप में प्रस्तुत करे जिससे जीवन और जगत दोनों का कल्याण हो। धर्म की सहज व्याख्या करते हुये महात्मा जी ने कहा कि धर्म हमारे जीवन को उदार बनाता है।

श्रीराम कथा के प्रत्येक पात्र जीवन को सहज बनाने का संदेश देते हैं। सृष्टि में जब-जब अनीति, कुबुद्धि, कुविचार का विस्तार होता है ईश्वर विभिन्न रूपों में जन्म लेकर जगत का मार्ग दर्शन करते हैं। ब्रम्हलीन बाबा महादेव दास की स्मृति में आयोजित 9 दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान में यज्ञाचार्यों ने विधि विधान से मूर्तियों को प्राण प्रतिष्ठा के लिये जल में विश्राम कराया। मुख्य रूप से प्रभात शास्त्री, आशुतोष दास, आदित्यदास, नीरज दास, ऋतिक दास, ओम नरायन, संगम शुक्ल, मुख्य यजमानगण दयाशंकर, राजकुमारी, नागेन्द्र मिश्र, राम सोहरत, शान्ती देवी, कौशल कुमार, कुसुम, सुनील पाण्डेय, मीरा देवी, सुल्ताना बाबा, सरोज मिश्र के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त शामिल रहे।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: बस्ती में नहाने गये किशोर की डूबने से मौत न्योता बांटने जा रहे बुजुर्ग की सड़क हादसे में मौत रूधौली विधानसभा से रामप्रसाद चौधरी को मिलेगी ऐतिहासिक बढ़त- बसंत चौधरी