उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात महिलाओं ने तोड़ा 36 निर्जला व्रत
बस्ती, 20 नवम्बर। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के पश्चात 36 घण्टों तक चलने वाला छठ महापर्व समाप्त हुआ और व्रती महिलाओं ने अपना व्रत तोड़ा। आखिरी दिन सुबह से ही नदी घाटों पर व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए खड़ी रहीं। जैसे ही भगवान सूर्य का उदय हुआ, उन्हें अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हुआ। व्रती फल और प्रसाद से भरा दउरा-सूप लेकर भगवान भास्कर की उपासना करती दिखीं।
अर्घ्य देने और पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा हुआ। इसी के साथ महापर्व छठ का समापन हो गया। इस अवसर पर महिलाओं ने पुत्र और अपने सुहाग के लिए मंगलकामना की। 36 घंटे का निर्जला व्रत रहकर महिलाओं ने कठिन तप को पूरा किया। कुआनो नदी के अमहट घाट और पुरानी बस्ती के निर्मली कुंड पर भोर में ही मंगल गीत गातीं व्रती महिलाओं का झुंड आना शुरू हो गया। घाटों पर प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए थे। ओस और हल्के कोहरे के बीच घाटों पर भगवान सूर्य की उपासना में जुटा महिलाओं का समूह अद्भुत दृश्य उपस्थित कर रहा था।
व्रती घुटने भर पानी में खड़े होकर सूप में फल आदि सब लेकर सूर्यदेवता को अर्घ्य देने के लिए प्रस्तुत हुई तो उनके सहयोगी पति ने दूध और जलधार गिराकर सहयोग दिया। नगरपालिका प्रशासन के साथ जिला प्रशासन ने प्रकाश के साथ पेयजल का बंदोबस्त किया था। एसडीएम सदर गुलाब चंद्र स्वयं निगरानी कर रहे थे। बड़ी संख्या में महिला पुलिस कर्मी भी अमहट घाट, निर्मली कुंड परिसर में नजर आईं। इतना ही नहीं, नदी में बैरीकेडिंग कर पानी में एक सीमा तक जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए नावों और मोटर बोट की व्यवस्था की गई थी। नगर पालिका अध्यक्ष नेहा वर्मा की ओर से साफ सफाई, पेयजल और प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की गई थी। अध्यक्ष प्रतिनिधि अंकुर वर्मा ने मौके पर पहुंचकर लोगो को छठ की बधाई दिया।
आरएसएस ने लगाया स्टाल
इस बार राष्ट्रीय स्वयं संघ भी सक्रिय दिखा। स्वयंसेवकों ने रविवार की शाम को ही अमहट घाट और निर्मली कुंड पर चाय का स्टाल लगाया। व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं को चाय बिस्कुट देकर उनकी सेवा की। सभी इस पहल की सराहना कर रहे थे। संघ कार्यकर्ताओं ने कहा श्रद्धालुओं की सेवा कर उन्हे काफ संतुष्टि मिली है।