भक्ति, ज्ञान, बैराग तथा त्याग है श्रीमद् भागवत कथाः श्याम शारथी
हर्रैया, बस्ती। नगर पंचायत के भदासी गांव में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन अवधधाम से पधारे कथा व्यास आचार्य श्याम शारथी महाराज ने श्रीमद् भागवत के महात्म पर प्रकाश डाला। कहा कि सभी पुराणों उपनिषदों तथा ग्रंथो का सार श्रीमद् भागवत कथा है। उन्होंने कहा भगवान का नाम सच्चिदानंद है। इसमें तीन शब्द हैं। सत् चित और आनंद। सत माने सत्य शरीर की शुद्धि तो जल से और साबुन से हो जाती है लेकिन मन व हृदय की शुद्धि तो सत्य से ही होगी और भगवान की कथा और भजन ही सत्य है।
कथा व्यास ने कहा कि भगवान के अंदर सत्य विदमान है। सत्य है और चित् माने होता है प्रकाश शक्ति तो भगवान प्रकाश देने वाले हैं। शक्ति देने वाले जैसे घर में बिजली आती है तो उसे पंख चलते हैं लाइट जलती है और बिजली कट हो जाए तो पंखा और लाइट नहीं जलती इस प्रकार से भगवान भी शक्ति देते जब तक शक्ति देते हैं तब तक यह शरीर हाथ पैर अपना काम करते हैं। जब वहां से वह शक्ति काट देते हैं तो यह शरीर अपना काम करना बंद कर देता है यही है चित। तीसरा है आनंद जोअपने आप में परिपूर्ण है जिसके पास जो होता है वही देता है।
धनी के पास धन की कामना से व्यक्ति जाता है तो धन पाता है। बली के पास बल की कामना से जाता है तो बल पाता है। उसी प्रकार से आनंद की कामना है तो परमानंद परम पिता परमात्मा के पास जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भगवान आनंद स्वरूप है तो जहां सत्य भी है चित भी है और आनंद भी है वही तीनों मिलकर के सच्चिदानंद हो जाता है और आनंद की प्राप्ति भगवान की ही कथा में होती है। कथा की महिमा बताते हुए कहा भा माने भक्ति ग माने ज्ञान व माने वैराग्य ता माने त्याग। भागवत की कथा भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग को प्राप्त करने वाली कथा है।
भक्ति ज्ञान बैराग की कथा श्रवण कराते हुए व्यास ने कहा कि भक्ति के पुत्र ज्ञान और वैराग वृद्धि हो गए थे लेकिन भागवत की महिमा के फल स्वरूप वह पुनः अपने स्वरूप को प्राप्त कर लेते हैं। कथा में आचार्य हरिओम शास्त्री, आचार्य शिवम शास्त्री, पं. रवि शास्त्री, पं.मनीष शास्त्री, मुख्य यजमान राममूर्ति पांडेय, सरोज पांडेय, महेन्द्र पांडेय, पूर्व प्रधान शिव नारायण पांडेय, सभासद प्रतिनिधि रमाकांत पांडेय, गंगा प्रसाद पांडेय, राम अभिलाष पांडेय, बेनी माधव, गिरजेश, बृजेश, शशांक, ठाकुर प्रसाद पांडेय, सुरेन्द्र पांडेय, रमेश पांडेय, आशुतोष पांडेय, शत्रुध्न पाण्डेय, बालमुकुंद पांडेय, नैमिष, मयंक, शिशिर, विपुल, चंद्र शेखर शुक्ला, दीपक सहित तमाम श्रोता मौजूद रहे।