अपने नजदीकी मन्दिर में करें प्रभु के नाम का संकीर्तन-डॉ. कौशलेंद्र
लखनऊ, उ.प्र.। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर श्री मद्भगवद् फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्री पलटू दास आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन कथा व्यास डॉ. कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि राम लला हमारे ही नहीं हर मनुष्य के आराध्य हैं, सबको प्रभु श्री राम से कुछ न कुछ सीखना चाहिए।
श्रीमद्भागवत कथा की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बिनु परतीती होई नहीं प्रीति अर्थात माहात्म्य ज्ञान के बिना प्रेम चिरंजीव नहीं होता, अस्थायी हो जाता है। धुंधकारी चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर इस चरित्र को आत्मसात कर लें तो जीवन से सारी उलझने समाप्त हो जाएगी। द्रौपदी, कुन्ती महाभागवत नारी है। कुन्ती स्तुति को विस्तारपूर्वक समझाते हुए परीक्षित जन्म एंव शुकदेव आगमन की कथा सुनाई। पश्चात गौकर्ण की कथा सुनाई गई। कौशलेंद्र जी महाराज ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है।
वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। मनुष्य जब अच्छे कर्मो के लिए आगे बढता है तो सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति समाहित होकर मनुष्य के पीछे लग जाती है ओर हमारे सारे कार्य सफल होते है। ठीक उसी तरह बुरे कर्मो की राह के दौरान सम्पूर्ण बुरी शक्तियॉ हमारे साथ हो जाती है। इस दौरान मनुष्य को निर्णय करना होता कि उसे किस राह पर चलना है। छल ओर छलावा ज्यादा दिन नहीं चलता। प्रधान यजमान मीनू राजेश पाठक ने ब्यास पीठ का पूजन किया। मंदिर के पीठाधीश्वर श्री खुशबू दिनेशानंद और यज्ञाचार्य ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री,सूरज शास्त्री ने भी भगवान की सेवा की कथा के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालु कथा में भाव विभोर रहें।