जनपद के 10 ब्लाकों में भाजपा का परचम, 4 में फंसा पेंच
बस्ती, 08 जुलाई। ब्लाक प्रमुखों के चुनाव में सत्ता और प्रशासनिक अधिकारियों तथा पुलिस का गठजोड़ साफ देखा जा रहा है। सिर्फ एक उद्देश्य है चाहे जो करना पड़े विपक्ष को नामांकन ही न करने दिया जाये, और किसी तरह नामांकन कर दे तो उसे वोट न देने से रोका जाये। कुछ को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया गया, कुछ को मारपीट कर हतोत्साहित कर दिया गया।
पुलिस सत्ताधारी दल के उम्मीदावारों से कंधा मिलकर चतली रही। फिलहाल 14 ब्लाकों में भाजपा के 10 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये हैं। मिली जानकारी के अनुसार कुदरहा से अनिल दुबे, कप्तानगंज से मिथिलेश निषाद, परशुरामपुर से शांति देवी माता शिरीष पांडेय, सदर ब्लाक से राकेश श्रीवास्तव, बहादुरपुर ब्लाक से रामकुमार, विक्रमजोत से कृष्ण कुमार सिंह, रामनगर से यशकांत सिंह, साल्टौआ गोपालपुर से गीता देवी पत्नी अशोक कुमार, साउघाट ब्लाक से अभिषेक कुमार, हरैया से विकास कुमार निषाद निर्विरोध निर्वाचित हुये हैं।
4 ब्लाकों में पेंच फंसा है जहां सत्ता की हनक काम नही कर रही है। इन ब्लाकों में भाजपा के बागी ही पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के सामने संकट खड़ा कर रहे हैं। बनकटी विकास खण्ड में ब्लाक के निकट दो पक्षों में मारपीट हो गयी। एक पक्ष ने अपनी पहचान एमजीएस ग्रुप से बनाई तो, तो दूसरे को आरबीएस ग्रुप के नाम से जाना जाता है। ये गैंग ठीक उसी तरह संचालित होते हैं जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है। न कोई एक दूसरे को कमजोर समझता है और न ही कोई रत्ती भर बर्दाश्त कर सकता है।
झगड़े का कारण ये बताया गया कि एमजेएस ग्रुप को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले नामांकन करना था, उसके बाद आरबीएस ग्रुप को। किसी ने आरबीएस ग्रुप में फीड कर दिया कि आपके समय पर गेट बंद हो सकता है या फिर नामांकन का समय षडयंत्र के तहत समाप्त किया जा सकता है। आरबीएस ग्रुप किसी तरह पीछे नही होना चाहता। विपक्ष और प्रशासनिक अधिकारियों के संभावित गठजोड़ को फेल करने के लिये यह ग्रुप भी नामांकन करने ठीक उसी समय पहुचं गया जब एमजेएस ग्रुप पहुंचा। फिर क्या था, दोनो पक्षों आमने सामने होना स्वाभाविक था।