शहर से गांव तक प्रचार सामग्रियों की भरमार, प्रशासन की ढीलाई या मनमानापन ?
बस्तीः पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के एक हफ्ते बाद भी शहर से लेकर गांव तक संभावित प्रत्याशियों की होर्डिंग और प्रचार सामग्रियों की भरमार है। जनता चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठा रही है। लोगों का कहना है कि इससे पहले के चुनावों में अधिसूचना जारी होते ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हो जाता था। कुछ ही घण्टों में शहर से लेकर गांव तक प्रचार सामग्रियों को सख्ती से हटा दिया जाता था। लेकिन इस बार मिल रही ढील समझ से परे है।
कुछ अफसर यह तर्क दे रहे हैं कि यह गांव का चुनाव चुनाव है, उनकी बात सही मान लें तो कम से कम ग्रामीण इलाकों से तो प्रचार सामग्री हट जानी चाहिये थी। बिजली के खम्भों, लग्जरी वाहनों से लेकर चोराहों तक प्रचार सामग्री पटी है, जिम्मेदार मौन हैं। मीडिया दस्तक ने शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों से हकीकत जानने का प्रयास किया तो संवाददाताओं ने आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली अनेकों फोटो भेजी। यह केवल एक विकास क्षेत्र का मामला नही वरन जिले के सभी क्षेत्रों का है जहां आज भी होड्रिंग लगी है और आचार संहिता का खुला उल्लंघन हो रहा है। रूधौली, कलवारी, गायघाट, सोनहा, बनकटी, महसों सहित जगहों पर प्रचार सामग्री आचार संहिता का मजाक उड़ा रही है।