चुनावी रैलियों पर रोक 11 फरवरी तक, नई गाइडलाइन जारी
लखनऊः कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुये चुनाव आयोग द्वारा जनसभाओं और रैलियों पर 31 जनवरी तक रोक लगाया था। ये रोक सभी 5 राज्यों में लागू थी जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अब इस प्रतिबंध को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि इसमें थोड़ी राहत भी दी गई है। यानी नई गाइडलाइन के अनुसार अब रैली में 1000 लोग शामिल हो सकेंगे। इनडोर सभाओं में 500 लोगों के बैठने की इजाजत होगी।
जबकि प्रत्याशी के साथ डोर टु डोर कैंपेन में 20 लोग जा सकेंगे। इससे पहले कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में 22 जनवरी तक रैलियों और रोड शो पर रोक लगाई थी। फिर इसे बढ़ा कर 31 जनवरी कर दिया गया था। 8 जनवरी को चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद 15 जनवरी को चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों और सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसे 22 जनवरी को दोबारा बढ़ाया गया था। अब 31 जनवरी को दोबारा बढ़ाकर इसे 11 फरवरी तक कर दिया गया है, लेकिन इसमें छूट बढ़ा दी गई है।
7 चरणों में चुनाव, नतीजे 10 मार्च को
5 राज्यों में वोटिंग इस तरह होनी है। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च तक। पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक साथ 14 फरवरी को वोटिंग होगी। बचा मणिपुर, तो वहां 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट पड़ेंगे। सब जगह नतीजे की एक ही तारीख यानी 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
पहले हो चुकी थी रैलियां
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सूबे की हर तीन में से दो एसेंबली सीटों पर रैली या रोड-शो कर चुके थे। प्रतिशत के लिहाज से समझें तो यह आंकड़ा 68 प्रतिशत होता है। सीटों के हिसाब से यूपी की 403 सीटों में से 275 पर यह तिकड़ी पहुंच चुकी थी। इन रैलियों के बाद जनता में इस बात को लेकर चर्चा थी कि लगता है चुनाव आयोग और सरकार की मिलीभगत थी, इसीलिये तो मोदी योगी अधिसूवना जारी होने से पहले अधिकांश चुनावी रैलियां कर चुके थे।