आप विधायक ने घोषित किया प्रत्याशी, दो घण्टे बाद प्रत्याशी ने किया खण्डन, हो रही फजीहत
बस्तीः उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दम भरने वाली आम आदमी पार्टी को प्रत्याशियों का इंतजार करना पड़ रहा है। दूसरे दलों से टिकट न मिलने पर कौन नेता नाराज हो रहा है, किसका झुकाव आम आदमी पार्टी की ओर है, इस पर बाकायदा नजर रखी जा रही है। अभी तक प्रदेश की अनेक विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार नही मिले हैं। दरअसल बगैर सांगठनिक ढांचा खड़ा किये यूपी फतह का सपना देखने वाली आम आदमी पार्टी में निर्णय लेने की क्षमता की कमी दिखाई दे रही है। जिन्हे जिम्मेदारी दी गयी है वे मुंह देखकर फैसला कर रहे हैं।
किसे चुनाव लड़ाने से पार्टी स्थापित होगी, कौन ज्यादा वोट पा सकता है, ये बातें गौड़ हैं। प्रदेश मुख्यालय में बैठे कुछ लोगों को जिसने अपने पक्ष में कर लिया उसके उम्मीदवारी की घोषणा हो गई जबकि कई सुयोग्य उम्मीदवार लाइन में लगे हैं उन्हे पार्टी नेतृत्व घास नही डाल रहा है। दरअसल पार्टी चुनाव जीतने के लिये नही लड़ना चाहती, बल्कि पार्टी का उद्देश्य है कि उसे कुछ झण्डाबरदार मिल जायें जो शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पार्टी का झण्डा बैनर पहुंचा सके।
इसलिये पार्टी नेताओं को तरजीह नही दे रही है। जिन्हे टिकट दिया गया है वे भी पार्टी का बैनर इस्तेमाल कर राजनीतिक गलियारों में चर्चा में आना चाहते हैं। न पार्टी गंभीर है और न ही नेता। इससे आप नतीजों का अंदाजा लगा सकते हैं। शुक्रवार को बस्ती पहुंचे आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी ने पत्रकारों को बताया कि बस्ती की 5 में 3 विधानसभा सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। उनके अनुसार हरैया से सुरेश सिंह, कप्तानगंज से डा. संजय चौधरी और रूधौली से अठदमा इस्टेट पुष्कर आदित्य सिंह चुनाव लड़ रहे हैं।
महादेवा सुरक्षित सीट पर एक महीने पहले घोषित प्रत्याशी कल्लू कबाड़ी की प्रत्याशिता पर विचार करने को कहा। विधायक ने पत्रकारों से जो कुछ कहा वह डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर खबर बनकर तेजी से वायरल होने लगा। कुछ ही देर में रूधौली से जिसे विधायक ने प्रत्याशी घोषित किया उसने सोशल मीडिया पर खबरों को फेक और मनगढ़न्त बताना शुरू कर दिया। अठदमा इस्टेट पुष्कर आदित्य सिंह ने खबर को भ्रामक बताया और अपने समर्थकों से गुमराह न होने की अपील किया है। इसमें सच्चाई क्या है वह अठदमा इस्टेट पुष्कर आदित्य सिंह और पार्टी के नेताओं को बेहतर पता होगा लेकिन इस बीच पार्टी की छीछालेदर हो रही है। साथ ही पहले से टिकट की दावेदारी कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी आघात पहुंच रहा है।