जानिये पहले फेज़ के चुनाव की खास बातें
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिये बृहस्पतिवार को 20 राज्यों की 91 सीटों के लिये मतदान लगभग शांति पूर्ण रहा. हालांकि, कुछ राज्यों से छिटपुट हिंसा की खबरें सामने आईं. शाम पांच बजे तक के आंकड़ों के अनुसार सबसे कम बिहार में 50 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 81 प्रतिशत मतदान हुआ।
उत्तराखंड की पांच सीटों पर 57.85 प्रतिशत मतदान हुआ. राज्य में 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था. अरुणाचल प्रदेश की दो सीटों पर 66 प्रतिशत मतदान रहा. राज्य में 2014 में मतदान का स्तर 80 प्रतिशत था। मेघालय की दो सीटों पर शाम छह बजे तक 67.1 प्रतिशत हुआ और पिछली बार 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। पहले चरण के मतदान वाले अन्य प्रमुख राज्यों में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर शाम पांच बजे तक 63.69 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर 56 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चुनाव में इस सीट पर 69.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। बस्तर इलाके में दंतेवाड़ा और नारायणपुर क्षेत्र में हिंसा और मतदान में बाधा पहुंचाने की कोशिश की गयीं लेकिन सुरक्षा बलों ने इन्हें नाकाम कर दिया।
उन्होंने बताया दंतेवाड़ा के श्यामगिरि मतदान केन्द्र पर 77.7 प्रतिशत मतदान हुआ. इस इलाके में ही मंगलवार को नक्सली हमले में स्थानीय विधायक सहित पांच लोगों की मौत हो गयी थी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर की दो सीटों बारामूला और जम्मू पर मतदान शांतिपूर्ण रहा। दोनों सीटों पर 57 फीसदी मतदान हुआ। पहले चरण में महाराष्ट्र की सात लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे तक 56 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य में गढ़चिरौली सीट पर चार मतदान केन्द्रों पर मतदानकर्मियों के नहीं पहुंच पाने के कारण मतदान स्थगित करना पड़ा। इसके अलावा उड़ीसा की चार लोकसभा सीटों पर शाम पांच बजे 68 प्रतिशत मतदान हुआ. सिन्हा ने बताया कि इन सभी सीटों पर मतदान के अंतिम आंकड़े अभी आने बाकी हैं।
इसके बाद ही इन सीटों पर पिछले चुनाव की तुलना में मतदान के स्तर का आकलन किया जा सकेगा. सिन्हा ने कहा कि एक एक सीट वाले राज्य मिजोरम में 60 प्रतिशत (2014 में 61.95प्रतिशत), नगालैंड में 78 प्रतिशत (2014 में 87.91 प्रतिशत), सिक्किम 69 प्रतिशत (2014 में 83.64प्रतिशत) और लक्षदीप में 66 प्रतिशत (2014 में 86 प्रतिशत) मतदान रहा. इन सभी राज्यों में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का स्तर कम रहा। ईवीएम में गड़बड़ी के बारे में उन्होंने बताया कि सभी 91 सीटों पर मतदान के दौरान तकनीकी बाधाओं के कारण 1.7 प्रतिशत ईवीएम मशीनों को बदलना पड़ा।
जबकि 1.04 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट और 1.61 प्रतिशत वीवीपेट मशीनें बदली गयीं. उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान गड़बड़ी से जुड़ी विभिन्न राजनीतिक दलों की शिकायतों की आयोग शुक्रवार को दिन में 11 बजे समीक्षा करेगा. मतदान के दौरान ईवीएम को क्षतिग्रस्त करने के कुल 15 मामले सामने आये. इनमें छह आंध्र प्रदेश और एक एक बिहार एवं पश्चिम बंगाल में रहा. इनमें आयोग ने कानूनी कार्रवाई की है।