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29 अप्रैल 2024
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चुनाव

बस्ती जिले की सभी सीटों पर बेबाक, निष्पक्ष समीक्षा

Posted on: Tue, 08, Feb 2022 3:27 PM (IST)
बस्ती जिले की सभी सीटों पर बेबाक, निष्पक्ष समीक्षा

बस्तीः समाजवादी पार्टी ने जनपद की दो और विधानसभा सीटों के लिये अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। जारी सूची के अनुसार 309 रूधौली से पूर्व विधायक राजेन्द्र प्रसाद चौधरी और 310 बस्ती सदर से महेन्द्रनाथ यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। इन दोनो उम्मीदवारों की घोषणा के बाद रूधौली और बस्ती सदर विधासभा सीटों पर समीकरण बदल सकते हैं। मतदाता समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी तय किये जाने का इंतजार कर रहे थे। दरअसल इस बार विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है। ज्यादातर सीटों पर सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।

पूरे प्रदेश में ऐसा माहौल बन गया है कि भाजपा को हराने वाले उम्मीदवारों के पक्ष में एकतरफा वोटिंग हो सकती है। ऐसे में सपा प्रत्याशियों को हनके में आंकना उचित नही होगा। हालांकि इस बार चुनाव जातिगत प्राथमिकताओं पर नही हो रहे हैं। जनता मुद्दों को लेकर मुखर है और जन प्रतिनिधियों को सवालों का सामना करना पड़ रहा है। बस्ती जिले में महादेवा सुरक्षित सीट से अभी समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा नही की है। चौपालों पर जारी बहंस की माने तो हरैया के अलावा सभी सीटों पर भाजपा सपा की सीधी टक्कर है। हरैया में पूर्व कैबिनेट मंत्री और बसपा प्रत्याशी राजकिशोर सिंह एक बार फिर सभी पर भारी पड़ सकते हैं।

सपा प्रत्याशी त्रयम्बक पाठक को मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिलता नही दिख रहा है। जनता का मानना है कि मौजूदा विधायक अजय सिंह से टक्कर लेने में सिर्फ राजकिशोर सिंह ही सक्षम है। ऐसे में मुस्लिम मत एकतरफा उनको मिल सकते हैं। यहां से कांग्रेस के टिकट पर लाबोनी सिंह, ‘आप’ के टिकट पर सुरेश सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। इन सबके बीच जनता की समस्याओं को लेकर हमेशा संघर्ष करने वाले चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा भी समीकरण बिगाड़ने में किसी से कम नही हैं। कप्तानगंज सीट की बात करें तो यहा के भाजपा विधायक सीए चन्द्रपकाश शुक्ला चुनाव जीतने के बाद जनता से दूर रहे। लोगों के दुख दर्द में शरीक नही हुये, पीड़ितों की पैरबी में फिसड्डी साबित हुये, अब उन्हे दोबारा चुनाव जीतने में जनता के बीच जाकर माफी मांगनी पड़ रही है।

पूर्व प्रमुख कृष्ण चन्द्र सिंह, पूर्व विधायक रानाकृष्ण किंकर सिंह, कप्तानगंज से भाजपा में टिकट की दावेदारी कर रहे वीरेन्द्र मिश्र सहित तमाम दिग्गज उनके समर्थन में हैं और जनता का मूड बदलने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व कैबिनेट मंत्री की अपने बेटे अतुल चौधरी को राजनीति में स्थापित करने की मंशा को फिर धक्का लग सकता है। रूधौली विधासभा की बात करें तो यहां भी सपा और भाजपा का सीधा मुकाबला होता दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी बसंत चौधरी विरोधियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं लेकिल जनता का मूड राजेन्द्र चौधरी को समर्थन देने का है। राजेन्द्र यहीं से विधायक रहे और चुनाव हारने के बाद भी लगातार क्षेत्र में संपर्क करते रहे।

जनता के बीच जाकर उनके दर्द और खुशियों को साझा करते रहे। मौजूदा विधायक संजय प्रताप जायसवाल को इस बार पार्टी ने टिकट न देकर उनकी पत्नी संगीता जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है। क्या संजय प्रताप जायसवाल अपने समर्थकों का वोट अपनी पत्नी के पक्ष में कनवर्ट करा पायेंगे यह एक बड़ा सवाल है ? सदर विधानसभा सीट को लेकर बात करें तो यहां से मौजूदा विधायक दयाराम चौधरी, बसपा से डा. आलोक रंजन, सपा से महेन्द्रनाथ यादव, कांग्रेस से देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव चुनाव लड़ रहे हैं।

जनता के बीच चर्चाओं की मानें तो 2017 की अपेक्षा विधायक दयाराम चौधरी की लोकप्रियता में कमी आई है। वे 40 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार विरोधी उन्हे कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बसपा के डा. आलोक जहां उनके जातिगत मतदाताओं को लगातार अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। वहीं कांग्रेस के देवेन्द्र श्रीवास्तव भी उनका वोट काफी कम कर रहे हैं। 2017 के चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन रहा, लेकिन इस बार कांग्रेस के स्वतंत्र लड़ने के कारण भी वोटों का विभाजन तय है। ‘आप’ उम्मीदवार रमेश सिंह फौजी भी भाजपा वोटों में सेंधमारी करने में सक्षम होंगे। यहां आखिरी दौर तक सपा के महेन्द्रनाथ यादव भाजपा को हराते नजर आये तो नतीजे पहले जैसे नही रहेंगे, लेकिन यह आसान नही है। फिलहाल चुनाव करीब आने पर समीकरण अभी कई बार बनेंगे, बिगडेंगे। हमारी नजर मतदाताओं की रूझान पर है। अगली समीक्षा का इंतजार करिये।


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