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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

पोस्ट कोविड मरीजों की समस्या बढ़ा सकता है पटाखे का धुंआ

Posted on: Wed, 27, Oct 2021 7:31 AM (IST)
पोस्ट कोविड मरीजों की समस्या बढ़ा सकता है पटाखे का धुंआ

बस्ती, उ.प्र.। इस दीपावली पटाखा फोड़ने से लोगों को परहेज करना होगा। कोविड के मरीज रह चुके लोगों (पोस्ट कोविड मरीजों) के लिए पटाखे का धुंआ उनकी समस्या को बढ़ा सकता है। लगातार आधे घंटे तक धुंए में रहने से कोविड पॉजिटिव रह चुके मरीजों को दोबारा सांस फूलने की गंभीर समस्या झेलनी पड़ सकती है।

यह कहना है मेडिकल कॉलेज बस्ती के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार का। प्राचार्य ने बताया कि कोविड की दूसरी लहर में ज्यादा मामले सिम्टोमेटिक थे तथा उसमें बड़ी संख्या गंभीर मरीजों की रही। जिले में 11 हजार से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव हुए तथा इसमें से कई ऐसे हैं, जो गंभीर हालत से गुजरते हुए कोरोना से ठीक हो चुके हैं। इसमें कम उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।

कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा बीमार के फेफड़ों पर पड़ता है। कोविड पॉजिटिव रहे काफी लोग ऐसे हैं, जिनका फेफड़ा पूर्व की तरह न होकर कमजोर है, ऐसे में धुआं उनके लिए जहर हो सकता है। दोबारा सांस फूलने की समस्या बढ़ने पर उन्हें अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोरोना के पूर्व मरीजों के स्वास्थ्य को देखते हुए इस साल पटाखा न फोड़े। लोगों को चाहिए कि परिवार के लोगों को पटाखा फोड़ने से मना करें तथा अपने पड़ोसियों को भी ऐसा न करने की अपील करें।

क्या कहते हैं चेस्ट फिजीशियन

मेडिकल कॉलेज के चेस्ट फिजीशियन डॉ. प्रवीण गौतम का कहना है कि शहर से लेकर गांव तक एक बड़ी संख्या ऐसी है, जो कोविड पॉजिटिव तो हुए लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराया। दुकान से दवा लेकर खा कर ठीक हो गए। कोविड से अलग-अलग स्तर तक लोगों का फेफड़ा प्रभावित हुआ है। सभी के लिए धुंआ नुकसानदेह है। जिन लोगों का सीटी स्कोर 22 से 25 प्रतिशत तक है, उनके लिए धुआं गंभीर खतरा है। कोविड प्रभावित रहे लोगों को चाहिए कि नियमित रूप से मॉस्क का प्रयोग करें। धुंए से दूर रहें।


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