कोविड काल में शिशु के खान-पान का ध्यान जरूरी
बस्ती। कोविड काल में शिशु के खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। जानकारी के अभाव में माताएं अपना दूध पिलाने में हिचक सकती हैं, विशेषतः वह महिलाएं जो पहली बार गर्भवती हुई हैं। ऐसे में डिब्बे वाले दूध अथवा गाय, भैंस के दूध के उपयोग की संभावना बढ़ जाती है। इससे बच्चे के कमजोर होने व किसी बीमारी से जल्द संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ऑफताब का कहना है कि यह समझना आवश्यक है कि नवजात शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता अपरिपक्व होती है और उसके लिए मां के दूध के अतिरिक्त अन्य दूध को पचाना कठिन होता है। ऐसे में दस्त की संभावना भी बढ़ जाती है। बच्चे का वजन भी गिर सकता है। जो नवजात पहले से ही कमजोर हैं उनके कुपोषित और बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। कोविड के दौरान कृतिम दूध बेचने वाली कंपनियां भी सक्रिय हो जाती हैं और कई बार परिवारों से सीधे संपर्क कर लेती है। ऐसे में आवश्यक है कि परिवार जागरूक रहे, सजग रहे और मां को स्तनपान कराने में अपनी जिम्मेदारी निभाए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
छह माह के बाद मां के दूध के साथ ऊपरी आहर की शुरुआत करें। दिन में तीन से चार बार खिलाएं। बच्चे की बढ़ती आयु के अनुसार उसकी मात्रा बढ़ाएं। खाने में खाद्य समूहों में विविधिता लाने के प्रयास करें। अनाज के अतिरिक्त दाल, दूध से बने पदार्थ, हरी सब्जियां तथा फल भी भोजन में मिलाएं।