• Subscribe Us

logo
03 मई 2024
03 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

बच्चों को वेजिटेबल बेबी बनाएं न कि बर्गर बेबी-डा. सूर्यकान्त

Posted on: Sun, 12, Sep 2021 4:06 PM (IST)
बच्चों को वेजिटेबल बेबी बनाएं न कि बर्गर बेबी-डा. सूर्यकान्त

बस्तीः इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) कालेज ऑफ़ जनरल प्रैक्टिशनर्स के तत्वावधान में शनिवार को वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार में केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्य कांत ने कहा कि भारतीय रीति रिवाजों व संस्कारों को अपनाकर हम बड़ी आसानी से कोविड ही नहीं बल्कि अन्य संक्रामक रोगों पर भी नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। कोविड की दूसरी व तीसरी लहर से मिली सीख भी इसको सही साबित करती है।

अगर हमें कोविड की संभावित तीसरी लहर के साथ ही अन्य संक्रामक बीमरियों पर नियंत्रण पाना है तो भारतीय रीति रिवाजों व संस्कारों को अपने जीवन में उतारना होगा। डॉ. सूर्य कांत आईएमए सीजीपी के राष्ट्रीय मानद प्रोफेसर हैं। आईएमए बस्ती के अध्यक्ष डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि उनके द्वारा बताई गई सारी बातें कोविड की तीसरी लहर को रोकने में कारगर होगी। इसे बढ़ावा देने के लिए आईएमए द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

डॉ. सूर्य कांत ने कहा कि भारतीय परम्परा हाथ मिलाने की नहीं रही है, हम आपस में मिलने पर एक दूसरे के सम्मान में उचित दूरी से हाथ जोड़कर नमस्ते या प्रणाम करें, संक्रमण के लिहाज से भी इसी में दोनों की भलाई है। कुछ भी खाने-पीने से पहले साबुन-पानी से हाथों को धुलना या किसी अन्य तरह से सेनेटाइज करने की आदत सभी को अपनानी चाहिए। घर लौटने पर जूते-चप्पल बाहर उतारने की सीख हमें भारतीय संस्कारों में देखने को मिलती है, जो आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। रसोई घर या भोजन ग्रहण करने वाले स्थान (डायनिंग टेबल) के आस-पास तो इसका पालन जरूर करें।

योग व प्राणायाम जरूरी

डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि योग व प्राणायाम से शरीर को स्फूर्त बनाएं न कि जिम जाकर। भाप घर पर ही लेकर संक्रमण को दूर भगा सकते हैं, उसके लिए स्पा जाने की कोई जरूरत नहीं है। हमारे रीतिरिवाज और संस्कार हमें घर का बना शुद्ध ताजा संतुलित भोजन करने की सलाह देते हैं, जिसमें हरी साग-सब्जी, मौसमी फल और दूध-दही आदि शामिल हों। फास्ट फ़ूड से केवल स्वाद मिल सकता है और पेट भर सकता है लेकिन उससे रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं विकसित हो सकती है। वेजिटेबल बेबी बनाएं न कि बर्गर बेबी।

परिवार में मेल मिलाप दूर करेगा तनाव

डॉ. सूर्य कांत ने कहा- हमारे संस्कार बीमार व बुजुर्गों की सेवा करने की सलाह देते हैं, न कि उपेक्षा करने की । परिवार में जितना मेल मिलाप रखेंगे, उतना ही बीमारियों व बेवजह के तनाव से बचेंगे। बगैर किसी विवाद के रहने की आदत शारीरिक रूप से भी फायदेमंद साबित होगी। कोरोना की पहली व दूसरी लहर ने भारतीय परम्परा की बुनियाद रही समाज के जरूरतमंदों की मदद करने की बात को भी सही साबित किया है, यही कारण है कि कोरोना के दौरान हमारे स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात एक-दूसरे की मदद को हर पल तत्पर नजर आए।


ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: भाजपाई हुये पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब, शानदार जीत के संकेत सेक्टर प्रभारी ने छोड़ी भाजपा, कांग्रेस में शामिल Lucknow: राहुल गांधी ने रायबरेली से किया नामांकन, विराधी कस रहे तंज GUJRAT - Bharuch: अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की भावुक अपील, ‘‘तानाशाही से देश को बचा लो’’