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सेहत/प्राकृतिक चिकित्सा

छूने, साथ खाने, हाथ मिलाने या गले लगने से नहीं होता है एड्स

Posted on: Wed, 01, Dec 2021 5:38 PM (IST)
छूने, साथ खाने, हाथ मिलाने या गले लगने से नहीं होता है एड्स

गोरखपुर, 01 दिसम्बर। एड्स रोग का वाहक वायरस एचआईवी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है और धीरे-धीरे उसे नष्ट भी कर देता है। इसकी आखिरी अवस्था में शरीर रोगों से लड़ने की क्षमता खो देता है और कई प्रकार की बीमारियां दिखने लगती हैं। बीमारी गंभीर है लेकिन यह छूने, साथ खाने, हाथ मिलाने या गले लगने से नहीं होती है। उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहीं।

वह विश्व एड्स दिवस पर निकाली गयी जनजागरूकता रैली को संबोधित कर रहे थे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि समाज में एड्स के प्रति भय और भ्रांति को दूर कर एड्स रोगियों के साथ समानता का व्यवहार अपनाने का संदेश पहुंचाना होगा। उन्होंने जनजागरूकता रैली को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह रैली शास्त्री चौक, कलक्ट्रेट, टाउनहाल होते हुए जिला क्षय रोग केंद्र आकर समाप्त हुई। रैली में गंगोत्री देवी पीजी कॉलेज और चंद्रकांति रमावती पीजी कॉलेज की छात्र-छात्राओं, एनसीसी के छात्रों और स्वयंसेवी संगठनों समेत कुल 300 लोगों ने प्रतिभाग किया।

एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने इस मौके पर कहा कि एड्स का प्रसार एचआईवी संक्रमति व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाए जाने से, एचआईवी संक्रमित सुईयों और सीरिंज के प्रयोग से और एचआईवी संक्रमित मां से उसके होने वाले बच्चे को हो सकता है। एक साथ घर में रहने, कपड़ों के आदान प्रदान, शौचालय या स्वीमिंग पुल साझा करने, साथ खाना खाने और मच्छर काटने से इसका प्रसार नहीं होता है। डॉ. मिश्र ने कहा कि लगातार वजन घटना, एक माह या उससे अधिक समय तक बुखार या दस्त रहना बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।

लगातार खांसी, चर्म रोगों का होना, मुंह और गले में छाले हो जाना, लगातार सर्दी और जुकाम होना, लसिका ग्रंथियों में सूजन या गिल्टी होना, याददाश्त खोना, मानसिक क्षमता कम होना और शरीरिक शक्ति का कम होना इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। इस अवसर पर क्षय रोग विभाग से जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम अभय नारायण मिश्र, एमए बेग, डॉ. अरूण सिंह, राजेश सिंह, डॉ. वीएस श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार सिंह, जितेंद्र, शरद, इंद्रजीत, मयंक और गोविंद प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान हस्ताक्षर अभियान चला कर लोगों को एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने का संकल्प दिलवाया गया।

4193 रोगियों का चल रहा है इलाज

विश्व एड्स दिवस के मौके पर जिला कारागार में जागरूकता संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया । गोष्ठी में जिला क्षय रोग विभाग से पहुंचे डॉ. एन मिश्र, एमए बेग, जेल अधीक्षक ओपी कटियार और शरद जायसवाल ने अपने विचार रखे । नोडल अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने बताया कि जिले में एड्स के 4193 रोगी हैं जिनका इलाज विभाग की देखरेख में चल रहा है ।

एड्स से ऐसे होगा बचाव

संयम, जीवनसाथी के प्रति वफादारी, कंडोम का प्रयोग, लक्षण दिखने पर जांच, सरकारी या, लाइसेंसशुदा ब्लड बैंक से ब्लड लें, नियमित रक्तदान, इस्तेमाल की जाने वाली सुई और सीरिंज सीलबंद हो, इस्तेमाल की जाने वाली सुई और सीरिंज अपने सामने खंडित करवाएं, प्रत्येक गर्भवती की एचआईवी जांच, एचआईवी संक्रमित गर्भवती का चिकित्सक की देखरेख में प्रसव एड्स से बचा सकता है।


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