त्वचा रोगों में अद्भुत नतीजा देता है गिलोय-डा0 बी0एच0 रिज़वी
बस्तीः गिलोय एक औषधीय गुणों वाला पौधा है। यह स्वाइन फ्लू, जीका वायरस, डेंगू, मलेरिया, डायबिटीज की बीमारी में काफी कारगर है। इसमें एंटी बायोटिक, एंटी एलर्जिक, एंटी डायबिटिक, एंटी इनफ्लेमेटरी व एंटी ऑक्सीडेंट के गुण होते हैं। इसे शरीर का इम्युन सिस्टम ठीक करने के लिए भी सेवन किया जाता है।
गिलोय घर के आसपास देखने को मिलता है, लेकिन लोग इसे पहचानते नहीं हैं। पान की पत्ते की तरह दिखने वाले गिलोय को किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है। इसका सेवन बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कर सकते हैं। आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ बताते हैं कि अमृता, गुडूची, मधुपर्णी, तंत्रिका व कुंडलिनी नाम से यह अलग-अलग राज्यों में जाना जाता है।
क्या कहते हैं त्वचा रोग विशेषज्ञ
जाने माने त्वचा रोग विशेषज्ञ डा0 बी0एच0 रिज़वी कहते हैं कि गिलोय त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है, इसके बीज को पीस करके इसका लेप चेहरे पर लगाये तो कील मुहासों की समस्या नहीं होगी। गिलोय में एंटी एजिंग के गुण समाहित होते है जोकि बढ़ती हुई उम्र का असर कम कर देते हैं। जैसे कि त्वचा पर झुर्रियों का पड़ जाना, डार्क स्पॉट्स, उम्र के साथ त्वचा पर रेखाए पड़ जाना आदि परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है. यह त्वचा को सुंदर चमकीला और दाग धब्बो रहित बनाता है। संपर्कः डा0 बी0एच0 रिज़वी, नूरिश क्लिनक, कोतवाली के सामने बस्ती, जनपद-बस्ती उ.प्र. मो.न. 9838767280