जानिये कितनी गुणकारी है कि धनिये की पत्ती
भारत में हरी धनिया की चटनी सबसे ज्यादा खाई जाती है। धनिया की चटनी खाने में जितना स्वादिस्ट होती है उतनी ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। धनिया वजन कम करने वालों के लिए और किड़नी को नुकसानदायक पदार्थों को दूर करने में मदद करता है।
अपने देश में रसोई में हरा धनिया का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद होता है। इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज आदि पाया जाता है। इसके अलावा हरे धनिए के पत्तियों में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटाशियम और विटामिन सी भी पाया जाता है। हरा धनिया पाचनशक्ति बढ़ाता है। हरा धनिया शाकाहार और मांसाहार दोनों में प्रयोग किया जाता है।
पाचनशक्ति बढ़ायेः हरा धनिया पेट की समस्याओं का निवारण करता है, यह पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिया की ताजी पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। हरा धनिया, हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल और अदरक की चटनी बनाकर खाने से अपच के कारण पेट में होने वाले दर्द से आराम मिलता है। पेट में दर्द होने आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
मस्सों से मुक्ति दिलाये
मस्सों से मुक्ति के लिए हरा धनिया एक कारगर उपाय है। इस उपाय को करने के लिए हरे धनिया को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे रोजाना मस्सों पर लगाएं।
कमजोरी दूर करेंः अगर आपको थका-थका या शरीर में कमजोरी महसूस होती है या फिर चक्कर आते हो तो दो चम्मच धनिए के रस में दस ग्राम मिश्री व आधी कटोरी पानी मिलाकर सुबह-शाम लेने से फायदा होता है।
आंखों की रोशनी बढ़ायेः नियमित रूप से हरे धनिये का प्रयोग अपने खाने में करने से आंखों की रोशनी बढ़ने लगती है। क्योंकि हरे धनिये में विटामिन ’ए’ भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए बहुत आवश्यक होता है।
श्वास रोगों को दूर करेंः हरा धनिया श्वास संबंधी रोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। खांसी, दमा या सांस फूलता हो तो धनिया तथा मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर रख लें। एक चम्मच चावल के पानी के साथ रोगी को पिलाएं। कुछ दिन नियमित रूप से इस उपाय को करने से आराम आने लगेगा।
त्वचा के लिए लाभकारीः एक चम्मच धनिया के जूस को चुटकी भर हल्दी के साथ मिलाकर मुंहासे पर लगाना लाभप्रद होता है। चेहरे पर तिल होने पर रोजाना हरे धनिए की पत्तियों को रगडने से लाभ होता है।
धनिया की पत्ती के अन्य लाभ जानियेः टाइफाइड में भी यह उपयोगी है, टाइफाइड होने पर हरी धनिया के पत्तों का सेवन करना चाहिए। अधिक मासिक धर्म आने पर छह ग्राम धनिया के बीज को आधा लीटर पानी में उबालें। पानी आधा होने पर थोड़ी सी शक्कर मिलाकर गर्म पीएं। लू लगने पर हरी धनिया को पीसकर उसका रस निकाल लीजिए, इस रस को चीनी के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है। नींद न आती हो तो हरे धनिए में मिश्री मिलाकर चाशनी बनाएं। दो चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ लें। सिर के बाल झडने पर हरे धनिए का रस लगाएं।
डॉ नवीन सिंह
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक
संपर्कः 9026444465