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सामाजिक सोच की बदौलत जनता के दिलों में मुकाम बना चुके हैं साधू यादव

Posted on: Thu, 23, Dec 2021 9:39 AM (IST)
सामाजिक सोच की बदौलत जनता के दिलों में मुकाम बना चुके हैं साधू यादव

गोरखपुर, उ.प्र. (विश्वनाथ सिंह) कर खुदी को इतना बुलंद कि खुदा भी आकर पूछे बता तेरी रजा क्या है। कुछ ऐसा ही जज्बा लेकर राजनीति के मैदान में कूदे हैं साधु शरण यादव। जंगल अगाही पीपीगंज निवासी स्वर्गीय सत्यनारायण यादव के सबसे बड़े पुत्र साधू पिता को ही राजनीतिक गुरु मानते हैं। जबकि युवाओं के मार्गदर्शक पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इनके आदर्श हैं।

पिता शिक्षक होने के साथ ही 26 वर्ष तक सामाजिक कार्यों के चलते ग्राम प्रधान रहे। साधु को संस्कार और राजनीति विरासत में मिली। इनके एक भाई सुरेंद्र यादव सपा के सच्चे सिपाही हैं, इनकी पत्नी 8 साल तक ब्लॉक प्रमुख भी रही, तो वही दूसरे भाई रविंद्र इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य हैं। उनकी माता भी 10 वर्षों तक ब्लॉक प्रमुख रही। गोरखपुर विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि हासिल कर व्यवसाय को नित नई ऊंचाइयों दी। यही नहीं पत्नी चिंता यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष के पद तक पहुंचा कर जन सेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। अधिवक्ता दिवस पर वकीलों और शिक्षक दिवस पर गुरुजनों का सम्मान करना यह कभी नहीं भूलते।

स्वतंत्रता दिवस पर इन्होंने 75 ऐसे परिवार जिनके लोगों ने सेना में अपनी भूमिका निभाई उन्हें सम्मान स्वरूप अंग वस्त्र भेंट किया। बिजली सड़क खड़ंजा नाली के अलावा क्षेत्रवासियों को विधवा वृद्धा विकलांग पेंशन मुहैया कराई। सरकारी योजनाओं का लाभ पात्रों को दिलाने के लिए प्रशासन तक अपनी आवाज आज भी बुलंद करते हैं। चाहे बाढ़ आपदा हो या कोरोना सभी में अपनी महती भूमिका अदा कर यह जनता के दिलों में मुकाम बना चुके हैं। आज भी सर्द रात में सड़कों पर ठिठुरते लोगों को गर्म कपड़े भोजन का प्रबंध कराते हैं। समय-समय पर अस्पताल कुष्ठ आश्रम वृद्ध आश्रम मैं फल कपड़े वितरित कराकर लोगों की दुआएं बटोर रहे हैं। गरीब कन्याओं की शादी और गरीब बच्चों की शिक्षा में उनका सहयोग करते हैं।


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