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फेसबुक पर यूं ही दिल न दे देना किसी को

Posted on: Fri, 14, Jul 2017 12:22 AM (IST)
फेसबुक पर यूं ही दिल न दे देना किसी को

राष्ट्रवादी विचारधारा की लेखिका उर्मिला वर्मा (अरूणिमा) की कलम सेः सोशल मीडिया पर कब दोस्ती हुई और कब प्यार पता ही नहीं चलता। यह संपर्कों का दायरा बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। फेसबुक पर कोई अपने प्रोडक्ट बेंच रहा है तो कोई रोजगार दे रहा है। नई पीढ़ी की मोहब्बत भी फेसबुक पर परवान चढ़ रही है। अब तक अनेक ऐसे उदाहरण सोमने आये हैं जब दूर देश के रहने वाले प्रेमी चैटिंग के जरिये काफी करीब आये हैं और यहां तक कि हमेशा हमेशा के लिये एक दूसरे के हो गये हैं। ऐसे भी अनेक उदाहरण सामने आये हैं जब दो दोस्त एक दूसरे के निकट आये, साक्षात्कार हुआ तो उनके होश उड़ गये, या तो दोनो पुरूष निकले या फिर दोनो महिलायें।

ऐसा भी हुआ जब चट दोस्ती, पट प्यार और फिर धोखा मिला हो। फिलहाल इसमें कोई दो राय नही कि सोशल मीडिया लोगों का तनाव काफी कम करने में मददगार साबित हुआ है। रही बात दोस्ती प्यार और धोखे की तो वह फेसबुक पर ही नही असल जिंदगी में भी उतना ही देखने को मिल रहा है। जरूरी है कि हम सावधान रहें, किसी के बहुत करीब जाने से पहले उसकी सच्चाई जानने की कोशिश करें, कहीं दोस्ती की आड़ में आपकी इज्जत और प्रतिष्ठा तो दांव पर नहीं लगने वाली है। विशेष रूप से ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा जो फेक आईडी बनाकर लड़कियों के साथ दोस्ती करते हैं और फिर....

हमें फेसबुक से जुड़ी एक कहानी याद आयी सोचा सभी को साझा करूं। लगभग चार साल पहले मेरी फ्रेंड के साथ हुआ जो हुआ उससे आपको भी सीखने की जरूरत है। एक सम्मानित उच्च पोस्ट पर कार्यरत लड़के की फ्रेण्ड रिक्वेस्ट मेरे पास आई। मैने चेक की तो ठीक ठाक लगी पोस्ट वगैरह सही थी ऊपर से ऑफिसर था तो उसे एड कर लिया। इसके बाद उसने मुझसे जुड़ी सारी लड़कियों को रिक़्वेस्ट भेज दी। मेरा मैचुअल फ्रेंड देखकर सभी ने उसे एड कर लिया। वो अपनी वाल पर काफी गम वाली शायरी पोस्ट करता था और सभी लड़कियों की पोस्ट पर काफी फनी कंमेट करता था। बड़ा ही हँसमुख और अच्छे स्वभाव का लगता था। इसलिये जब वो इनबाक्स में हेलो, हाय, गुड मॉर्निंग करता था तो उसे रिप्लाई दे ही देती थी।

यही मेरी फ्रेंड के साथ हुआ हेलो, हाय, गुड मॉर्निंग से शुरू हुआ सिलसिला हाल चाल और हल्के फुल्के मजाक से लेकर व्यक्तिगत बातचीत तक पहुँच गया। फिर लाइफ की कहानी डिसकस हुई। मेरी फ्रेंड ने पूछा आप हम सब की पोस्ट पर इतने फनी कमेंट करते हो सबको हँसाते हो लेकिन आपकी वाल पर सारे पोस्ट इतने सैड इतने दर्द भरे क्यो होते हैं। उसने बोला अपनी वाल पर मैं अपने दिल की बात लिखता हूँ और सबकी पोस्ट पर अपना दर्द छुपाकर हंसने और हंसाने की कोशिस करता हूँ। ये सुनकर मेरी फ्रेंड इमोशनल हो गई और जैसा कि होना था उसने पूछना शुरू किया क्या हुआ? क्या बात है क्या तक़लीफ है? आपकी फ्रेंड हूं मुझसे शेयर करो तो उसने अपनी स्टोरी बताई।

बोला फेसबुक पर मुझे एक लड़की मिली हम सब की फ्रेंडशिप हुई बात करने लगे फिर प्यार हो गया। हम दोनों ने अपने अपने पक से सभी को अनफ्रेंड कर दिया और फेसबुक पर सिर्फ हम दोनों ही एक दूसरे के फ्रेंड रह गए। पूरा दिन चैट करते, देर रात तक चैट करते थे एक दूसरे से बात करते थे। इसके बाद मैं उसको मिलने गया उसके घर उसके माँ बाप से मिला और शादी करने की बात की तो उसके माँ बाप तो मान गए। भाई नही मान रहा था लेकिन फिर वो भी मान गया। फिर हम दोनों की सगाई हो गई और दो महीने बाद शादी की डेट रखी गई। मैं सगाई करके वापस ड्यूटी पर आ गया और दोनों शादी के सपने बुनने लगे और शादी होने का इंतजार करने लगे। दिन खत्म हो गए एक हफ्ता रह गया शादी में तो मैं घर गया और शादी के दो दिन पहले उसको बोला कि मुझे मिलना है मुझसे मिलने आओगी। वो तुरन्त राजी हो गई और मिलने आ गई। बस से उतरी तो मैं सड़क के उस पार बाइक लेकर उसका इंतजार कर रहा था। उसने मुझे देखकर हाथ हिलाया और सड़क पार करने लगी, तभी सामने से ट्रक आ गया और उसे कुचल कर भाग गया। मैं दौड़कर उसके पास पहुँचा उसका सिर अपनी गोद में रखा और मेरे प्यार ने मेरी बाहों में दम तोड़ दिया।

तबसे मैं उसे आज तक उसे न भुला पाया न किसी और से प्यार किया और न दुबारा न करूँगा। शादी भी नही करूँगा उसी की याद में जिंदगी बिता दूँगा। ये सुनकर मेरी फ्रेंड की आंख से आंसू आ गये, वह भावुक हो गयी। उस दिन से उन दोनों की दोस्ती गाढ़ी हो गई। बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गयी। एक दिन फिर मेरे पूछने पर मेरी फ्रेंड ने उसकी स्टोरी मुझे भी सुनाई। मैंने भी स्वभाव के अनुसार हमदर्दी दिखाई। कुछ दिन बाद उस लड़के का एक दोस्त भी फेसबुक पर एड हुआ मुझसे। इधर मेरी फ्रेंड परेशान रहने लगी। मैंने पूछा क्या हुआ इतनी परेसान क्यो है। तो वो बोली न जाने क्यों अब वो मुझसे बहुत कम बात करता है हमेशा बिजी होने के बहाने बनाता है और इग्नोर करता है। उसकी इग्नोरेंस मुझसे बर्दाश्त नहीं होती मैं उसे बहुत प्यार करने लगी हूं। ये सुनकर मुझे अपनी फ्रेंड पर बहुत गुस्सा आया लेकिन उसे भरोसा दिया कि हो सकता है वो सच में बिजी हो तुम परेशान न हो।

फिर अचानक उसका दोस्त जो हाल ही में मुझसे एड हुआ था उससे मैंने बात छेड़ दी कि आपके दोस्त के साथ बहुत बुरा हुआ बेचारा दुखी रहता है। आप हिम्मत दिया करो। मेरी बात सुनकर जो उसने बाते बताई उसके बारे में सुनकर मेरे पाँव से जमीन खिसक गई। वो बोला वो कोई बेचारा नही है और न ही उसके साथ ऐसा कुछ हुआ है। ये तो लड़कियों को फंसाने के लिए उसकी मन गढ़ंत कहानी है जो फेसबुक पर एड हुई हर नयी लड़की को सुनाता है। उन्हें प्यार के झांसे देता है टाइम पास करता है और फिर मन भर जाने पर लड़ाई करके ब्रेकअप कर लेता है। एक ही टाइम पर 8-10 लड़कियों से चैट करता है।

लड़कियों को बातो में फंसा कर उनकी तस्वीर ले लेता है। उनकी बातें हम सब को सुनाकर मजे लेता है। मेरा दोस्त है लेकिन उसकी हरकतों से मुझे उस पर बहुत गुस्सा आता है। बहुत समझाता हूँ उसे लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। ये सारी बातें मैने अपनी फ्रेंड को बताई। पहले उसे यकीन नहीं हुआ फिर हम सब ने खुद सारी बाते सामने लाने के लिए उससे जुड़ी सारी लड़कियों से बात की तो सबकी कहानी एक निकली। तब मेरी फ्रेंड को बिस्वाश हुआ और वो बहुत रोई उसका दिल टूट गया था। बहुत मुश्किल से मैने उसे संभाला हौसला दिया। इसलिये आपसे कहना है कि आप किसी झांसे में मत आना। खास तौर से लड़कियां जो जरा सी तारीफ सुनकर अपना सबकुछ लुटा बैठती हैं। बाद में चाहकर भी संभलना मुश्किल होता है। इसलिये सोशल मीडिया पर आपकी दोस्ती प्यार में बदले और रिश्तों में तब्दील हो आप इससे पहले सौ बार सोचना। मै चाहती हू मेरी दोस्त की तरह उसकी भावनाओं से खेलने का मौका किसी को न मिले।


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