अमेरिका की नौकरी ठुकराकर मरीजों की सेवा में जुटे डा. मुकेश
गाजीपुरः देश के अधिकतर युवाओं का यही सपना होता है कि उन्हे किसी अच्छे देशी या विदेशी संस्थान से डॉक्टरी, इंजीनियरिंग या मैनेजमेंट की पढ़ाई करने का मौका मिले। अगर उनका यह सपना सच हो जाता है तो फिर उनकी बस एक ही तमन्ना होती है कि पढ़ाई पूरी करते ही उन्हे अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर या किसी अन्य विकसित देश में अच्छी जॉब मिले ताकि वह अपने परिवार के साथ विदेश में रहते हुए डॉलर कमाने का आनंद उठा सके।
ऐसे में आज के युग में आपको कोई ऐसा शख्स मिले जो अमेरिका जैसे विकसित देश से डॉक्टरी पढ़ने के बाद वहां मिल रही अच्छी नौकरी को ठुकराते हुए अपने गृह क्षेत्र में आकर लोगों का निःशुल्क इलाज करता हो तो आप उसे दुनिया का सबसे बड़ा मूर्ख समझेंगे। लेकिन दिल में देश-प्रेम का जज्बा और अपने गृह क्षेत्र के लोगों के कष्ट से दुखी गाजीपुर जनपद के सैदपुर के नेकदिल इंसान डॉ. मुकेश सिंह ने ठीक यहीं किया। अमेरिका से मेडिसीन में एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद उन्हे वहीं के एक प्रतिष्ठित संस्थान में चिकित्सक बनने का मौका मिला लेकिन उन्होने इस ऑफर को ठुकराते हुए अपने गृह नगर लौटकर अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा और उनके निःशुल्क इलाज का बीड़ा उठाया। उनके इस कदम पर पीठ पीछे लोगों ने उनकी खिल्ली भी उड़ाई लेकिन डॉ. मुकेश पर इन सब बातों का कुछ भी असर नहीं हुआ।
उनके मन में तो बस यहीं तमन्ना थी कि गंभीर रूप से अस्वस्थ या घायल होने पर बनारस जाकर महंगा इलाज कराने को मजबूर अपने क्षेत्र के लोगों का इलाज अच्छी तरह से हो सके। पहले उन्होने पांच बेड का एक छोटा सा अस्पताल सैदपुर में खोला और निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा शुरू की। बाद में अपनी लगन और मेहनत के बल पर उन्होने जुलाई, 2014 में इसे एक बड़े अस्पताल में तब्दील किया। इस अस्पताल का नाम उन्होने वॉलग्रीन अस्पताल रखा। आज यह वर्ल्ड ग्रीन हास्पिटल एवं ट्रामा सेन्टर का रूप ले लिया है। इस ट्रामा सेन्टर में हर अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध है। डॉ. सिंह का कहना है कि बचपन से ही उनका सपना था कि मैं गरीबों, वंचितों और अपने क्षेत्र के लोगों की निःस्वार्थ सेवा कर सकूं। मेरा कभी भी ध्येय पैसा कमाना नहीं रहा। आज मुझे यह कार्य करके असीम आनंद की प्राप्ति होती है।
उन्होने मीडिया दस्तक को बताया कि वर्ल्डग्रीन में हर हफ्ते सैकड़ों ऐसे गरीब मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जाता है जो आर्थिक तंगी के चलते बनारस के महंगे अस्पतालों में लाखों रुपया खर्च करके इलाज कराने में सक्षम नही हैं। यहां हॉस्पिटैलिटी की हर वह सुविधा है जिसके लिए पहले लोग वाराणसी जाने को मजबूर थे।। डॉ. सिंह समाज के लिए बहुत कुछ करने की इच्छा रखते हैं। इसीलिए खाली समय में समाजसेवा का कोई भी मौका नहीं चूकते हैं। सफाई, बिजली, पानी, सड़क, भ्रष्टाचार आदि समाज से जुड़े सभी मुद्दों पर आम आदमी की आवाज बनकर खड़े रहते है। उनके सरल व्यक्तित्व और विनम्र व्यवहार के तो लोग कायल हो गए हैं। उनके मित्रों का कहना है कि अमेरिका में डॉक्टरी पढ़ने से पहले और बाद के डा मुकेश सिंह में कोई फर्क नहीं है। बिकास राय गाजीपुर ब्यूरो की प्रस्तुति