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Uttar pradesh

आक्सीजन के बगैर तड़पते रहे मासूम

Posted on: Mon, 04, Sep 2017 8:51 AM (IST)
आक्सीजन के बगैर तड़पते रहे मासूम

बनारसः गोरखपुर मैडिकल की घटना से बनारस के स्वास्थ्य महकमे ने कोई सबक नहीं लिया। यही वजह है जिला महिला अस्पताल में ऑक्सीजन के बिना 3 मासूम 2 घंटे तक तड़पते रहे। गनीमत रही कि डॉक्टरों की सूझ-बूझ ने मासूमों की जान बचा ली। अस्पताल की नियोनेटल केयर यूनिट में डॉ. रंगनाथ दुबे व उनके सहयोगी तैनात थे। दोपहर 1 से 2 बजे के बीच अस्पताल में भर्ती सारनाथ की प्रिंसी, शिवपुर की रिंकी और चोलापुर की सुनीता को प्रसव कराया गया। तीनों नवजातों की स्थिति गंभीर थी। उन्हें एन.एन.सी.यू. में रैफर किया गया। वहां डॉक्टर ने नवजातों की हालत नाजुक देखते ही ऑक्सीजन देने का निर्देश दिया लेकिन यूनिट में बिजली नहीं थी और ऑक्सीजन सिलैंडर का नोजल भी नहीं खुल रहा था। ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने की सूचना तत्काल अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एस.आई.सी.) को देने की कोशिश की जाने लगी लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उन्होंने आधे घंटे तक फोन रिसीव नहीं किया। हालांकि नवजातों की जान बचाने के लिए उन्हें ऑक्सीजन देना जरूरी था। ऐसे में डाक्टरों ने ‘अंबू बैग’ के प्रयोग का निर्णय लिया। बिजली कटी होने के कारण अंबू बैग से ऑक्सीजन दे रहे डाक्टर व कर्मी पसीना-पसीना हो गए। इस दौरान एक स्टाफ नर्स ऑक्सीजन सिलैंडर खोलने के प्रयास में जुटी रही। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद उसे इसमें सफलता मिली। इसके बाद बच्चों को सिलैंडर से ऑक्सीजन देना शुरू किया गया। साथ ही डॉक्टरों, कर्मचारियों ने भी राहत की सांस ली। प्रतीकात्मक फोटो




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