CM योगी तक पहुंचाओं ये सच! गौशाला जहां बेजुबानों की आखों में आंसू और नसीब में तड़पकर मरने की है बेबसी
अयोध्या (प्रभाकर चैरसिया) बड़बोलेपन को लेकर खास पहचान बनाने वाले अयोध्या के महापौर ऋषिकेश ऊपाध्याय की कथनी करनी में जमीन आसमान अंतर देखने को मिल रहा है। हम बात कर रहे हैं उ.प्र. के योगी सरकार की सबसे सुपर फ्लॉप गौशाला योजना की। कहते हैं मुख्यमंत्री स्वयं गौ सेवा का आईकॉन बन चुके हैं। लेकिन हकीकत ये है कि बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिये बनाई गई गौशालाओं में भूख प्यास और समुचित इलाज के बगैर तड़पकर मर रहे अनगिनत पशुओं का पाप भी उन्ही के सिर पर जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे महात्वाकाँक्षी योजनाओं में से एक है ‘कान्हा गौशाला’ जिसकी हवा निकालने में अयोध्या नगर निगम कोई कसर नही छोड़ रहा है। अयोध्या नगर निगम क्षेत्र के बैसिंह स्थित गौशाला पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी हालत जस की तस है। यह हम नहीं गौसेवक रितेश मिश्रा का वायरल हुआ वीडियो कह रहा है। महापौर ऋषिकेश उपाध्याय विगत वर्षों में क्ई बार इस गौशाला को उत्तर प्रदेश की सबसे सुंदर गौशाला बनाने का दावा कर चुके हैं। परंतु सच्चाई दावों के उलट है। गौशाला के अंदर का सच रोंगटे खड़े करने वाला है। इससे अच्छा तो ये पशु बेसहारा ही रहते। गौशाला प्रबंधनन से जुड़े सभी जिम्मेदारों को डूब मरना चाहिये। वायरल वीडियों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से गोवंश खून के आँसू रोने और तड़पकर मरने देने को मजबूर हैं।
वीडियो में बड़ी संख्या में मृत पड़े गोवंशों के शव दिख रहे है। ये घिनौनी सच्चाई बाहर न आने पाये इसे रोकने के लिये अमावनीय कृत्य का सहारा लेते हुये मृत गोवंशों के शवों को गोशाला के अंदर ही जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफनाते हुये साफ देखा जा सकता है। यह पूरा मामला उस समय प्रकाश में आया जब गौ सेवक रितेश मिश्रा ने रोते हुये बैसिंह गौशाला की स्थिति दिखाकर सीधे मुख्यमंत्री से इन बेज़ुबानों पर हो रहे अत्याचार को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग कर डाला। रितेश मिश्रा वहां गोवंशो को तरबूज खिलाने गये थे। वहाँ उनकी नजर मृत पड़े गोवंशों और उनको दफन करती हुई जेसीबी मशीन पर पड़ी।
जिसका वह मोबाईल से वीडियो बनाने लगे। लेकिन वहाँ मौज़ूद कर्मचारियों ने विरोध किया और वाद विवाद करते हुये जबरन उन्हे गौशाला के बाहर निकाल कर गेट बंद कर दिया। वह अपनी बाईक से चलने लगे तो वहाँ लाठी डंडे से लैस पहले से मौजूद दर्जनों लोगों ने उन्हे मारने की नीयत से दौड़ा लिया। रास्ते में एक मुर्गी फॉर्म में छिप गये और वहीं से डायल 112 को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को देखकर पीछा करने वाले भाग गये। रितेश मिश्रा को पुलिस दर्शन नगर चैकी लेकर गई जहाँ उन्होंने पूरी घटना बताई। रितेश ने सीओ अयोध्या को लिखित तहरीर दी है।
हालाँकि पहली बार ऐसा नहीं हुआ है जब वायरल वीडियो से गौशाला का दर्दनाक सच सामने आया है। इसके पहले भी कई बार इस गौशाला से मानवता को शर्मसार करने वाला सच बाहर आ चुका है। एक बार तो महंत धर्मदास ने भी गौशाला की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री से शिकायत की बात कही थी। तब महापौर आनन फानन में गौशाला पहुंचे थे और बयान दिया था कि अब गौशाला में आगे कभी ऐसा नहीं होने पायेगा। खुद मीडिया दस्तक इससे पहले दो बार इस गौशाला की सच्चाई देश और दुनिया को दिखा चुका है। कुछ समय के लिए स्थितियां सुधरी लेकिन फिर ढाक के तीन पात हो गई।
आपको बता दें कि नगर निगम अयोध्या द्वारा जनपद की बैसिंह गौशाला की देखरेख होती है। इसीलिए आयुक्त से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने वायरल वीडियो पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया लेकिन कहते कहते बहुत कुछ कह गये, उन्होने कहा गौशाला में सब ठीकठाक है। यह भी कहा कि गौशाला नगर निगम के ऊपर अतिरिक्त बोझ है। वायरल वीडियो की सच्चाई जानने बैसिंह गौशाला पहुंचे समाजवादी पार्टी के दर्जनों पार्षदों को पहले से मौजूद पुलिस बल ने जबरन रोक दिया। पार्षद विशाल पॉल ने बताया कि सारे सपा पार्षद गौशाला जाकर वायरल वीडियो की सच्चाई जानना चाहते थे परंतु प्रशासन को इसकी भनक लग गई थी।
इसीलिये गौशाला के गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, जिन्होंने नगर आयुक्त और महापौर का आदेश बताकर हमें अंदर जाने से रोक दिया। सवाल ये है कहाँ गया महापौर का बैसिंह गौशाला को प्रदेश की सबसे उत्तम गौशाला बनाने का दावा ? कहाँ गये वह 12 करोड़ रुपये जो सरकार ने बैसिंह गौशाला में शेड, चरही आदि निर्माण के लिये दो साल पहले दिये थे जिसकी जानकारी खुद महापौर ने मीडिया को दी थी ? इसके पहले भी दो बार गौशाला की सच्चाई सामने आने पर महापौर ने कारवाई करने की बात कही थी, आज तक क्या कारवाई की गई ?
अब कुछ सवाल नगर आयुक्त से भी पूछ लेते हैं
नगर आयुक्त का कहना है कि गौशाला नगर निगम पर अतिरिक्त बोझ है। महापौर, सांसद अन्य जनप्रतिनिधि जो दान दे सकते हैं वे सहयोग करते तो स्थिति बेहतर होती। सरकार गौशाला के नाम पर हर साल करोड़ों रूपया देती है वह किसके पेट में चला जाता है, जो जनप्रतिनिधियों से गौशाला के लिये दान की बात कर रहे हैं ? आप कह रहे हैं गौशाला नगर निगम पर अतिरिक्त भार है ऐसा क्यों ? क्या मुख्यमंत्री की ये महात्वाकाँक्षी योजना आपको फालतू लगती है..? क्या आपने मुख्यमत्री को बताया कि योजना नगरनिगम पर बोझ बन चुकी है?
अगर नहीं तो क्यों ? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप और महापौर दोनो मिलकर कोई खिचड़ी पका रहे हैं ? महोदय यह पब्लिक है सब जानती है। पब्लिक को यह भी पता है कि जो भूसा आप गोवंशों के लिये 9 रुपये किलो खरीदते हैं उसमें से कितना गोवंशो को मिलता है और कितना, अफसर खा जाते हैं ? अंत में हम बस इतना ही कहेंगे कि वायरल वीडियो में जो देखने को मिला वह वाकई शर्मनाक और इंसानियत के नाम पर बदनुमा दाग है। हम अपने सम्मानित दर्शकों से अनुरोध करना चाहेंगे कि इस वीडियो को सज्ञान लीजिये, अधिक से अधिक शेयर करके अयोध्या की बैसिंह गौशाला का सच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाइये। आपकी संवेदनशीलता बेसहारा पशुओं की जान बचा सकती है।