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Uttar pradesh

मऊ जिले का लाल लेह में हुआ शहीद, पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब, दी गई सलामी

Posted on: Sat, 27, Feb 2021 5:52 PM (IST)
मऊ जिले का लाल लेह में हुआ शहीद, पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब, दी गई सलामी

मऊ, उ.प्र. (सईदुज्जफर) उत्तर प्रदेश के जनपद मऊ के हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा गांव के रहने वाले गणेश यादव आर्मी जवान थे और उनकी तैनाती लेह में थी। 24 फरवरी देर शाम को आर्मी के जवान गणेश यादव की अचानक मौत हो गई। गणेश की मौत की ख़बर जैसे परिजनों और इलाके के लोगो को लगी तो परिवार सहित पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।

घटना की जानकारी होने पर गांव वाले गणेश के घर पहुँच कर परिवार को सांत्वना देने लगे। गांव वाले अपने इस बेटे की मौत को शहादत बता कर ग़ौरवशाली होने की बात कर रहे है। क्योकि लेह जैसे दुर्गम इलाके में रहते हुए देश की सीमाओं को सुरक्षा करते हुये मौत को गले लगा लिया भले ही मौत की वजह कोई हो। लेकिन मौत तो देश की सीमा की रक्षा करते ही हुयी है। जवान का पार्थिव शरीर आज पैतृक घर पहुँचा तो पूरे इलाके में जयघोष का नारा लगाते हुए तिरंगा यात्रा निकली, ताबूत में शव देखते ही परिवार वालो सहित उमड़े जन सैलाब की भीड़ की आँखे नम हो गई।

प्रदेश सरकार के मंत्री दारा सिंह चौहान जवान के घर पहुँचे। श्रद्धांजलि देते हुए सरकार की तरफ से पचास लाख का चेक दिया, साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और शहीद के नाम पर सड़क बनाने का वादा किया। बता दें कि गणेश यादव मऊ जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा गांव के रहने वाले हैं 2002 में आर्मी के 285 मीडियम रेजिमेंट भर्ती हुए थे इन दिनों उनकी तैनाती लेह में थी। मौत होने की खबर से पूरा इलाका शोक में डूब गया। गणेश यादव का एक भाई है जो मुंबई में प्राइवेट नौकरी करता है। गणेश की माता का निधन चार वर्ष पहले ही हो चुका है। दो बच्चे है एक बेटी और बेटा। बेटी का नाम आशमा और बेटे का नाम आकाश यादव है।

गांव के ही प्राथमिक स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई। हाइस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पब्बर इंटर कालेज औराई कला बलिया से हुई। गणेश के पिता विश्वनाथ यादव मजदूरी का काम करते है। गणेश के पिता को बेटे की शहादत पर नाज़ और गर्व है उन्होंने कहा कि आगे भी वो अपने बच्चों को सेना में भर्ती करा कर देश की सेवा में भेजने का काम करेंगे। गणेश के दोस्तो ने भी अपने इस मित्र की मौत बता कर उसके शहादत पर फुट फुट कर रोये और कहा कि हमे गर्व है अपने दोस्त पर की कम समय मे उसने इतिहास में अपना नाम लिख दिया। गणेश के बेटे बेटी अभी छोटी उम्र के है उन्होंने अपने पिता के बारे में कहा कि वो हमेशा हम लोगो को एक अच्छा इंसान बनने के लिए बोलते थे।




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