गुडवर्कः अयोध्या में बड़ी साजिश नाकाम, पुलिस ने हिंदू संगठन के 7 लोगों को गिरफ्तार किया
अयोध्या (प्रभाकर चौरसिया) अयोध्या में हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने सरयू का पानी लाल करने की ऐसी तरकीब निकाली थी कि इससे दंगा भड़कता तो कितने लोग मारे जाते, कितने जख्मी होते और अयोध्या एक बार फिर कितने दिनों के लिये अशांत हो जाती, कुछ कहा नही जा सकता था। पूरे मामले को गौर से देखेंगे और समझेंगे तो आपको इस बात का अहसास हो जायेगा कि कमोवेश यही हालात पूरे देश के हैं।
मुसलमानों को टारगेट कर दंगा कराने की नाकाम कोशिशें हो रही हैं। ये तो पुलिस अफसरों की सक्रियता है कि कोई बड़ा हादसा नही हो रहा है। फिलहाल नफरत फैलाने वाले, दो समुदायों को आपस में लड़ाकर खुद को तथाकथित हिंदू योद्धा और हिंदू सम्राट कहलाने वाले कुछ लोगों को अयोध्या पुलिस ने बेनकाब कर दिया है। ऐसे लोग कभी अमन चैन के हिमायती नही हो सकते।
आईजी रेंज केपी सिंह और एसएसपी शैलेषण पाण्डेय ने मामले का खुलासा करते हुये बताया अयोध्या का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले हिंदू योद्धा संगठन के प्रमुख महेश मिश्रा समेत 7 आरोपी गिरफ्तार कर लिए है। बता दें कि यह सभी आरोपी दिल्ली के जहाँगीरपुर में हुई घटना से नाराज थे जिसके कारण अयोध्या में गैर समुदाय से जुड़े धर्मिक स्थलों के पास आपत्तिजनक सामग्री फेंकी गई थी। आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना के 24 घण्टे में पुलिस ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है।
अयोध्या नगर कोतवाली क्षेत्र के दो मस्जिदों के पास मांस के टुकड़े कागज पर आपत्तिजनक भाषा लिखकर फेंका गया था। इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने आपत्ति और नाराजगी भी जाहिर की थी। वहीं जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी शहर के सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रहे थे जिससे उन चेहरों को बेनकाब किया जा सके। पुलिस की सक्रियता से 24 घंटे के अंदर सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये। पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान घटना का खुलासा करते हुए आईजी रेंज के पी सिंह ने कहा कि मुस्लिम टोपी लगाकर आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया था और वहां से अपनी बाइकों से फरार हो गए थे।
लेकिन कुछ स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद उनकी शिनाख्त की गई और उनकी गिरफ्तार की गयी। गिरफ्तार लोगों में हिंदू योद्धा संगठन के प्रमुख महेश मिश्रा, विमल पांडे, प्रत्यूष श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक गौड़, बृजेश पांडे, शत्रुघ्न प्रजापति आदि शामिल हैं जबकि 4 लोग अभी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। इस घटना ने हिंन्दू संगठन कह इस घटिया सोच ने समूचे हिंदू समाज को शर्मसार किया है।
घटना के खुलासे पर हर कोई अफसरों को धन्यवाद दे रहा है लेकिन एक बड़ा सवाल लोगों की जेहन में है। वह यह है कि आधी रात को संदिग्ध अवस्था में एक दर्जन युवक अयोध्या में करीब 6 किमी के एरिया में गदर की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे, लेकिन पिकेट पर तैनात किसी पुलिस अधिकारी ने उन्हे रोककर उनका मकसद जानने की कोशिश नही की। जरा सोचिये इस तरह शहर के व्यस्ततम इलाके में कोई भी आपत्तिजनक सामग्री और विस्फोटक रख दी जाये तो पुलिस हादसे कैसे रोक पायेगी।