आग का गोला बनी बस, बुरी तरह जलकर मरे यात्री
कानपुरः उत्तर प्रदेश के कन्नौज में शुक्रवार की रात बस और ट्रक की टक्कर से हुए भीषण सड़क हादसे में मौत का सटीक आंकड़ा अब तक पता नहीं चल पाया है। बस में सवार 18 से 20 यात्री लापता बताये जा रहे हैं। कानपुर रेंज के आईजी का कहना है कि हादसा इतना भयानक था कि शव बुरी तरह जल चुके हैं, डीएनए टेस्ट से पता चल पायेगा कि बस में कितने सवारियों की जलकर मौत हुई है। बस में लगभग 45 लोग सवार थे।
18 से 20 लोग लापता है, हो सकता है कि उनकी मौत हो गई हो लेकिन अब कुछ कहा नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ’उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हुए भीषण सड़क हादसे के बारे में जानकर अत्यंत दुख पहुंचा है। इस दुर्घटना में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
मृतकों को मुआवजा
ट्रक और प्राइवेट स्लीपर बस के बीच टक्कर के बाद दोनों वाहन आग का गोला बन गए थे। हादसे में 25 लोगों को बचा लिया गया है जिनका इलाज चल रहा है। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। सीएम ने घटना पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी है।
आईजी की सुनिये
मोहित अग्रवाल के अनुसार, फिलहाल मौतों के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जनहानि ज्यादा हो सकती है। मोहित अग्रवाल ने बताया, ’बस के अंदर शव बुरी तरह जल चुके हैं, हड्डियां तक बिखर चुकी हैं। इसलिए सिर्फ डीएनए टेस्ट से ही मौत के सही आंकड़ों का मालूम हो सकेगा। प्रथम दृष्टया मालूम हो रहा है कि बस में 8 से 10 शव हैं लेकिन नुकसान इतना अधिक है कि सिर्फ डीएनए रिपोर्ट की सही आंकड़ा बता पाएगी।’
जयपुर जा रही थी बस
स्लीपर कोच बस फर्रुखाबाद से छिबरामऊ होते हुए जयपुर जा रही थी। वहीं, ट्रक कन्नौज के बेवर से कानपुर की तरफ जा रहा था। हादसा रात करीब 8 बजे हुआ। हादसे का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि स्लीपर कोच बस में फंसे यात्रियों को निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, बस में आग लगते ही गेट और खिड़कियों के रास्ते बस से बाहर कूदे। कुछ ही पलों में विकराल हुई आग के चलते सो रहे या ऊंघ रहे यात्री बाहर ही नहीं आ सके।