मेची पुल पर अधिकांश महिलाएं दिखती हैं प्रेग्नेंट
भारत-नेपाल सीमा पानीटंकी से पवन शुक्लः भारत-नेपाल की अंर्तराष्ट्रीय सीमा पानीटंकी पर सशत्र सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के लाख प्रयास के बावजूद इन क्षेत्रों में लाखों रुपये की मटर व सुपारी की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। तस्करों ने करीब 500 महिलाओं को इस कारोबार में उतारा है और प्रतिदिन तस्करी का का सामना एसएसबी के आंखों में धूल झोंक कर सिलीगुड़ी मार्केट में पहुंच रहा है। सीमा पर मेची नदी पुल पर सैकडों की संख्या में महिलाएं कमर और पेट पर अजीब तरीके से करीब 20 से 25 किलोग्राम मटर, सुपारी ऐसा बांधती है कि वे प्रेगनेंट दिखती है। हाथ में करीब पांच किलो मटर या सुपारी लेकर पुलपर एसएसबी के इधर उधर होने की ताक में बैठी रहती है, और एसएसबी के जवानों की आंखों से बचकर पांच सौ मीटर की दूरी पार करके बंगाल में घुसने के बाद वे अपना काम आसानी से कर लेती है।
संगठित है गिरोह..
तस्करी का ये खेल पूरी तरह से संगठित गिरोह कर रहा है। .पानीटंकी के आसपास के क्षेत्रों से प्रतिदिन करीब पांच सौ महिलाएं, नक्शलबाड़ी, बागडोगरा व सिलीगुड़ी के आसपास क्षेत्रों से सुबह पहुंचती है, जो सुबह से शाम तक कम से कम 10 बार नेपाल से भारत आती जाती है। इतना ही नहीं अगर सीमा पर अधिक सख्ती हुई तो ये महिलाएं मेची नदी में पानी नहीं होने का फायदा उठाते हुये बोरियों को पुल से नीचे फेंक कर नीचे आसानी से पार करती हैं जहां एसएसबी के जवान नहीं होते।
तकरीबन 50 लाख का कारोबार
नेपाल से प्रतिदिन एक महिला 10 बार 25 किलो के करीब 250 किलो सुपारी, मटर लाती है। इस प्रकार 500 महिलाएं करीब 125000 किलो माल बंगाल में लाती है। जिसका अनुमति मूल्य करीब 50 लाख से उपर होता है।
बस से पहुंचता है सिलीगुड़ी
एसएसबी की सीमाओं से दूर पानीटंकी के बाजार बोरा बदलकर बस से उक्त कोर्ट मोड़ पहुंचता है इस बीच में नक्शलबाड़ी, बागडोगरा, माटीगाढ़ा, प्रधाननगर और सिलीगुड़ी के पांच थाना क्षेत्रों से होते हुए उक्त तस्करी का माल कोर्ट मोड़़ से रिक्शा और टोटो के माध्यम से पूर्वोत्तर की सबसे किराना मंडी खालपाड़ा में पहुंचता है।