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Uttar pradesh

मानक विहीन कोचिंग सेण्टरों की अनदेखी क्यों ?

Posted on: Sat, 25, May 2019 7:12 PM (IST)
मानक विहीन कोचिंग सेण्टरों की अनदेखी क्यों ?

मऊ, सईदुज़्ज्फर) सभी नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए मऊ में कोचिंग सेंटरों की भरमार हो गई है। प्रशासन की लापरवाही से कभी भी यहां पर सूरत जैसी घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। आए दिन सफलता की गारंटी देने वाले नये नये कोचिंग सेण्टर खुल रहे हैं।

कोचिंग सेण्टरों में न तो सुरक्षा के प्रबंध हैं और न ही इनके संचालन की अनुमति। लेकिन प्रशासन इस से बेखबर बना हुआ है। मानकों के विपरीत छोटे छोटे कमरों में 30 से 60 बच्चे बैठाए जा रहे हैं, अधिकतर कोचिंग वालों के पास फायर विभाग की न तो एनओसी है और न ही आग से बचाव के सीज फायर यंत्र। शिक्षा औऱ अग्नि शमन विभाग की चुप्पी भी एक बड़ा सवाल पैदा करती है कि इन छात्रों के साथ अगर किसी तरह की घटना होती है तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा। क्या इन विभागों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगी जो बड़े बड़े कोचिंग सेंटरों के प्रचार-प्रसार देखने के बाद भी उसकी जांच उचित नहीं समझते।

कोचिंग संचालक परीक्षा पास कराने का लॉलीपॉप देकर छात्रों का प्रवेश तो लेते हैं लेकिन छात्रों की सुविधा के नाम पर सिर्फ मोटी रकम वसूल की जाती है, छात्रों की साईकिल व बाईक तक खड़ा करने का स्थान नहीं रहता। फुटपाथ व सड़क पर ही छात्र अपने दो पहिया वाहन को खड़ा करते हैं। शहर में नए कोचिंग संस्थान खुलते जा रहे हैं। अगर मानक की बात की जाए तो 80 प्रतिशत से अधिक संस्थान पूरा नहीं कर रहे हैं। कोचिंग सेंटरों के रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहले भी विभाग कई बार आदेश जारी करता रहा है लेकिन आदेश जारी होने के बाद भी कोचिंग संचालक इसे अनदेखा करते रहे। विभागीय अफसर इसे लेकर उदासीन बने हुए है। कहीं ये उदासीनता सूरत जैसी घटना की पृष्ठभूमि तो तैयार कर रही है ?




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