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Uttar pradesh

विशेषज्ञ की देखरेख में होगा उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव

Posted on: Thu, 04, Mar 2021 10:02 AM (IST)
विशेषज्ञ की देखरेख में होगा उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव

संत कबीरनगर (संजय श्रीवास्तव) उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव किसी भी दशा में एएनएम सेण्‍टर में नहीं होगा। बल्कि सीधे जिले में मौजूद 4 बड़े स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही होगा। इन बड़े स्वास्थ्य केन्द्रों में CHC हैसर, खलीलाबाद, मेंहदावल और जिला अस्पताल शामिल हैं। स्‍त्री रोग विशेषज्ञों की निगरानी में ही ऐसे प्रसव कराए जा सकते हैं। ताकि प्रसव में जटिलता आने पर तुरन्‍त ही आवश्‍यक प्रबन्‍ध करके मातृ व शिशु मृत्‍युदर को रोका जा सके। अपर मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डॉ मोहन झा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गर्भवती महिलाओं का रजिस्‍ट्रेशन होने के बाद उनके कार्ड पर मुहर लगती है। इसमें से एक श्रेणी हाई रिस्‍क प्रेग्‍नेन्‍सी (एचआरपी) यानि अति गंभीर मरीजों की भी होती है। इन महिलाओं की जांच हायर सेण्‍टर पर कराई जाती है। साथ ही जिले के सभी 102 एम्‍बुलेन्‍स चालकों को यह निर्देश दिया गया है कि जिन महिलाओं के मातृत्‍व कार्ड पर एचआरपी की मुहर लगी है, उनको प्रसव के लिए सीधे जिले में स्थित चार हायर सेण्‍टरों पर ले जाएं। वहां विशेषज्ञों की निगरानी में उनका प्रसव कराया जाएगा।

इससे मातृत्‍व मृत्‍युदर को रोकने में और सफलता मिलेगी। एचआरपी महिला के चिन्‍हीकरण के लिए एएनएम को 200 रुपए तथा आशा कार्यकर्ताओं को बड़े स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव कराने के लिए 300 रुपए की प्रोत्‍साहन राशि भी दी जाती है। सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) के जिला तकनीकी विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी गर्भवती महिलाओं में 15 प्रतिशत महिलाएं एचआरपी के अन्‍तर्गत आती हैं। इनमें से 2.1 प्रतिशत महिलाएं सीवियर एनिमिक हैं, अर्थात जिनमें एनीमिया की प्रतिशतता 7 ग्राम से कम है। इससे होने वाली मातृ मृत्‍युदर को कम करने के लिए ही एचआरपी महिलाओं का चिन्‍हीकरण किया जाता है तथा उसे आवश्‍यक सुविधाएं देकर मृत्‍युदर को रोका जाता है।




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