मायावती की सोशल इंजीनियरिंग पर चुनाव आयोग का ब्रेक
लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती की सोशल इंजीनियरिंग पर ईसी का ब्रेक लग सकता है। जाति धर्म के नाम पर वोट की अपील करने के मामले में मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग कार्यवाही कर सकता हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीएसपी चीफ मायावती पर धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगने के आरोप में इलेक्शन कमीशन को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। मायावती ने 5 से 8 जनवरी तक बीएसपी के 401 कैंडिडेट की लिस्ट जारी की। इस दौरान उन्होने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिमों से बीजेपी को हराने को कहा था। इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में मायावती के खिलाफ एक पिटीशन फाइल की गई थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति संजय हरकौली की बेंच ने नीरज शंकर सक्सेना की पिटीशन पर दिया है। नीरज की ओर से वकील हरिशंकर जैन ने दलील दी कि मायावती ने धर्म के नाम वोट देने की अपील की, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में दिए गए अभिराम सिंह मामले के निर्णय के विरुद्ध है। पिटीशन में मांग की गई कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-29ए और 123(3) के मद्देनजर जनता के बीच ऐसी अपील करने वाली राष्ट्रीय अध्यक्ष की पार्टी की मान्यता कैंसिल की जानी चाहिए। आपको बता दें जातिगत समीकरण बैठाने में मायावती की विशेषज्ञता किसी ने नही छिपी है इस बार भी वे जाति धर्म की सीढ़ी पर चढकर सत्ता तक पहुंचना चाहती हैं।