गोद में लेकर जाते हैं रेप पीडि़ता का इलाज कराने
रांची ( माध्यम न्यूज 24) दो महीने पहले रेप की शिकार हुई नाबालिग बेटी का इलाज कराने के लिए उसके पिता 4 किलोमीटर दूर गोद में लेकर जाते हैं। उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह साइकिल या बाइक खरीद सके। पेशे से मजदूर पीडि़ता के पिता बारिश या कड़ी धूप हो अपनी बेटी को अस्पताल लेकर जाते ही हैं।
दरअसल झारखंड की राजधानी रांची से 200 किलोमीटर दूर एक गांव में रहने वाले इस मजदूर की बेटी से जुलाई में एक ट्रक ड्राइवर ने रेप किया था। आरोपी उसे चॉकलेट दिलाने के बहाने एक सुनसान जगह पर ले गया और वहां बच्ची से रेप किया। रेप के बाद बच्ची की हालत बेहद गंभीर हो गई उसको लगातार ब्लीडिंग हो रही थी। लोकल हॉस्पिटल के बाद जमशेदपुर में भी उसके इलाज की कोशिश नाकाम हो गई तो उसे रांची के गवर्नमेंट हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया। उसकी आंतों में गहरे जख्म थे इसलिए डॉक्टर्स ने सर्जरी की। सर्जरी के बाद बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसके पिता को हिदायद दी कि बच्ची की रोज ड्रेसिंग करना जरूरी होगा।
पीडि़ता के पिता का कहना है कि क्या हुआ अगर मेरे पास साईकिल या बाइक नहीं है। वो मेरी बेटी है मैं उसे इस हालत में तो नहीं छोड़ सकता। उसे रोज डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है। इस इलाके में नक्सलियों के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कोई व्यवस्था नहीं है। बेटी की वजह से वह मजदूरी पर भी नहीं जा पाता, उस पर काफी कर्ज भी चढ़ गया है। इसके बावजूद वह अपनी बेटी को खुश रखना चाहता है। बच्ची को कपड़े और गिफ्ट दिलाने के लिए उसके पिता ने अपने घर का कुछ सामान भी बेच दिया। इलाके के सब डिवीजनल ऑफिसर बीपी सिंह ने मामले की जानकारी होने पर कहा है कि वह इस बच्ची के मदद के लिए जो भी किया जा सकता है, जरूर करेंगे।