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संजीत हत्याकांड का खुलासा, हत्यारे गिरफ्तार

Posted on: Sun, 26, Jul 2020 8:50 PM (IST)
संजीत हत्याकांड का खुलासा, हत्यारे गिरफ्तार

कानपुरः संजीत के अपहरण व हत्याकांड को अंजाम देने वाले सभी आरोपी पकड़े गये। इस दौरान चौंकाने वाली सामने आई है कि बर्रा थाने की पुलिस ने इस मामले में केई काम ही नही किया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता समझर होती तो संजीत को बचाया जा सकता था। 22 जून को संजीत की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई तो तत्कालीन बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय ने उस पर ध्यान ही नहीं दिया।

मामला तब गम्भीर हुआ जब 29 जून को 30 लाख रुपए फिरौती के लिए पहली कॉल परिजनों के पास आई। इस दौरान पुलिस सिर्फ नामजद आरोपितों और परिवार के मोबाइल नंबर की ही जांच कर रही थी। फिरौती की कॉल आने के बाद पुलिस ने जाल बुना। तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता के बयान के अनुसार गुजैनी पुल से बैग फेंका गया। जब तक पुलिस वहां पहुंचती अपहरणकर्ता बैग लेकर भाग चुके थे। पुलिस का यह ऑपरेशन फेल हो गया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तीस लाख रुपए भी दिलवा दिए और बेटा भी बरामद नहीं हुआ।

फिरौती देने का ऑपरेशन फेल हुआ तब पूर्व एसएसपी दिनेश कुमार पी के संज्ञान में पूरी घटना विस्तार से लाई गई। एसएसपी ने अपनी स्वाट और सर्विलांस टीम लगाई। थाने की पुलिस को इस केस से दूर रखा गया। सर्विलांस सेल ने डाटा फिलट्रेशन के जरिए संदिग्ध नम्बरों की सूची जुटाई। उससे कुछ नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया। 21 जुलाई तक संदिग्ध नम्बरों के अलावा उनसे जुड़े आगे के तीन और नंबर लिसनिंग पर ले लिए गए।

पुलिस 70 नम्बरों पर होने वाली बातचीत एक साथ सुन रही थी। 48 घंटे तक लगातार ऐसा करने के बाद 23 जुलाई की सुबह पहली सफलता मिली। घटना का आरोपित नीलू सिंह अपने रिश्तेदार से बात कर रहा था। यहां से सुराग मिला तो पुलिस ने रिश्तेदार के नम्बर से लोकेशन ट्रेस की और सबसे पहले नीलू को दबोचा। इसके बाद पुलिस के सामने पूरी घटना स्पष्ट थी। एक-एक कर सभी आरोपित दबोच लिए गए और पुलिस ने 24 जुलाई को खुलासा कर दिया। अभी तक संजीत की लाश नही मिली है।




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