सीडीपीओ की गिरफ्तारी न होने पर बढ़ रहा आक्रोश
किशनगंज ब्यूरोः (प्रदीप प्रधान) आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका रही पल्लवी सिंह के आत्म हत्या के 10 दिन गुजर जाने के बावजूद पुलिस प्रसाशन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से जिले के लोगो का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मालूम हो कि विगत दो सालो से न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खा चुकी जब पल्लवी सिंह को कहीं से न्याय नहीं मिला तो उसने विगत बुधवार के अहले सुबह सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या जैसा कदम खौफनाक उठाया था। ज्ञातव्य हो कि आंगन बाड़ी सुपर वाइजर के रूप में जिले भर में पल्लवी सिंह की एक अलग पहचान थी। जानकारों की माने तो पल्लवी सिंह को सीडीपीओ शशिकला द्वारा आंगन बाड़ी केंद्रों से अवैध वसूली हेतु निरंतर दबाव बनाया जाता था और जब सीडीपीओ शशिकला के बात से अवैध वसूली करने से इंकार करने के बाद से शशिकला ने पल्लवी सिंह को प्रताड़ित करना आरंभ कर दिया।
जिले के ठाकुरगंज और पोठिया प्रखंड में बतौर सुपर वाइजर पदस्थापित पल्लवी सिंह को आंगन बाड़ी केंद्रों से अवैध वसूली के लिए अधिक दबाव बनाया जाने लगा तो उसने इसकी शिकायत जिला पदाधिकारी सहित राज्य महिला आयोग से भी कि लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी जिसके बाद उसने अपना तबादला दिघलबैंक प्रखंड में करवा लिया। लेकिन कहते है कि दुर्भाग्य किसी का साथ नहीं छोड़ता वहीं पल्लवी के साथ भी हुआ और सीडीपीओ शशिकला दिघलबैंक के अतरिक्त प्रभार में अपने रसूख के कारण पदस्थापित हो गई और पल्लवी सिंह को फिर परेशान करना आरंभ कर दिया।
जानकारों की माने तो इस दौरान सीडीपीओ शशिकला ने प्रशाशन में अपने पहचान के जरिए ना सिर्फ पल्लवी के चरित्र पर सवाल खड़े किए बल्कि उसके ऊपर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत झूठा मुकदमा भी दर्ज करवा दिया जिसका जिक्र आत्म हत्या से पहले पल्लवी ने सूसाइड नोट में भी किया है। सामाजिक कार्यकर्ता राजीव मंडल का कहना है कि बिहार सरकार के ऐसे कर्मचारी जिनकी वजह से एक ईमानदार और साफ सुथरी छवि की लड़की आत्म हत्या करने पर मजबुर होती है ये बहुत ही शर्मनाक बात है। श्री मंडल का कहना है कि सीडीपीओ शशिकला को अविलंब गिरफ्तार किया जाए और पल्लवी के दो छोटे बच्चो के लिए भरण पोषण हेतु 25 लाख का मुआवजा दिया जाए। मालूम हो कि पल्लवी के मौत के बाद परिजनों ने सीडीपीओ पर हत्या का मामला भी दर्ज करवाया है।