धूमधाम से मना बलिया जिले का स्थापना दिवस
बलियाः (विकास राय) जिले के 138 वें स्थापना दिवस पर शहीद पार्क चौक में केक काटकर खुशियों को आपस में साझा किया गया। बधाई और मिठाई बांटने का सिलसिला पूरे दिन चला । बलिया जिले के स्थापना दिवस का मुख्य समारोह जिला मुख्यालय की हृदय स्थली चौक के ऐतिहासिक शहीद पार्क में आयोजित किया गया। जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रान्तीय संगठन मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय, भोला प्रसाद आग्नेय ने केक काटकर एवं मोमबत्ती जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सम्पन्न संगोष्ठी में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि जिला बन्दोबस्त अधिकारी दयानन्द सिंह चौहान ने जिले के स्थापना पर विस्तृत रुप से प्रकाश डालते हुए बताया कि गाजीपुर जिले की बलिया तहसील, गाजीपुर जिले के भदॉव, लखनेश्वरडीह परगना, आजमगढ़ जिले के सिकन्दरपुर पूर्वी एवं पश्चिम, खरीद परगना और बिहार प्रान्त के शाहाबाद जिले के बिहिया परगना के टप्पों को जोड़ कर 01 नवम्बर 1879 ई0 को बलिया जिले की स्थापना हुई थी। जिसके पहले जिलाधीश डीटी राबर्ट को बनाया गया था।
ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर पाण्डुलिपि संरक्षण मिशन के जिला समन्वयक शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि इस भू भाग पर 1857 ई0 में चौरी चौरा गाँव में हुई ब्रिटिश सरकार के खजाने की लूट, मंगल पाण्डे की बगावत और 1858 ई0 में वीरवर कुंवर सिंह को मिले जन-समर्थन के बागी तेवर को देखते हुए ब्रितानिया सरकार ने इसे जिला बनाने का निर्णय लिया था। बलिया जिला 1879 ई0 में बन गया था, किन्तु यहाँ कोई प्रशासनिक भवन नहीं बना था। इसी बीच 1894 ई0 में भयानक बाढ़ आई और जिला मुख्यालय तहस नहस हो गया था। तब जिले का मुख्यालय कोरन्टाडीह चला गया। 1894 से 1901ई0 तक कोरन्टाडीह जिले का मुख्यालय रहा। यहाँ पर डीएम आफिस, ट्रेजरी आदि बनने के बाद यह पुनः जिला मुख्यालय बना। समारोह में कवि, शायरों ने भी अपनी रचनायें प्रस्तुत किया। अध्यक्षता पूर्व ज्येष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कलेक्ट्रेट बलिया रामधनी राम वर्मा ने और संचालन शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने किया। आभार अरुण कुमार साहू ने जताया।