अनवर्षण से पड़ा सूखा, खेतों में पड़ी दरारें
अम्बेडकरनगर: (सत्यम सिंह) विगत एक पखवारे से बरसात न होने से धान की खेतों में दरार पड गई है। आलम यह है कि कुछ स्थानों पर अवर्षण से धान की फसल भी सूखने लगी है। बरसात न होने से गर्मी व उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया है। रही सही कसर अनवरत विद्युत कटौती पूरा कर दे रही है।
इस महीने में जहां धान के खेतों में पानी भरा होना चाहिए वहां दरारे पडी हुई है। बरसात न होने से धान का विकास भी रूक गया है। किसान धान की फसल बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है, लेकिन वे इसमें पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहे है। खेतों व सडकों पर धूल उड रही है। इस मौसम में जहां तालाबों व पोखरों में पानी भरा होता था वे सूखे पडे है।
स्थिति यह है कि तमाम स्थानों पर ट्यूबवेल ने पानी देना ही बंद कर दिया है। डीजल का दाम 50 रूपये से अधिक होने के चलते किसान खेतों की सिचाई नहीं कर पा रहे है। विद्युतापूर्ति का हाल यह है कि जिले के विभिन्न फीडरों पर 4 से 6 घण्टे ही आपूर्ति हो रही है। बरसात न होने से उमस भरी गर्मी में लोग पूरी तरह बेहाल है।
गर्मी इतनी है कि कूलर पंखे भी लोगों को राहत नहीं दे पा रहे है। वहीं किसानों का कहना है कि यदि बरसात न हुई तो धान की फसलों को बचाना मुश्किल हो जायेगा और जमा पूँजी भी डूब जायेगी। गेंहू, दलहन, तिलहन सहित अन्य फसले भी पूर्व में हुई बरसात व ओलावृष्टि से नष्ट हो चुकी थी ऐसे में यदि धान की सफल भी बर्बाद हो गई तो हम लोगों के सामने खाने का संकट उत्पन्न हो जायेगा।