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महिला सिपाही संग बर्बरता के आरोपियों को एसटीएफ ने किया ढेर, दो का चल रहा इलाज, एक की मौत

Posted on: Fri, 22, Sep 2023 10:32 AM (IST)
महिला सिपाही संग बर्बरता के आरोपियों को एसटीएफ ने किया ढेर, दो का चल रहा इलाज, एक की मौत

अयोध्या, उ.प्र. (प्रभाकर चौरसिया) सुल्तानपुर से अयोध्या मेले में डियूटी करने आ रही महिला सिपाही के साथ बर्बरता करने वाले दो आरोपियों को एसटीएफ ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। दोनो जख्मी हैं उन्हे इलाज के लिये जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पकड़े गये अपराधियों में एक का नाम आजाद और दूसरे का विशम्भर दयाल दूबे है। तीसरा अनीश भागने में कामयाब रहा।

जबकि क्रास फायरिंग में एक दरोगा और दो सिपाही जख्मी हुए हैं। ये एनकाउंटर अयोध्या के पूराकलंदर के छतरिवा पारा कैल रोड पर हुआ। इसी मामले में करीब 40 किमी. दूर इनायतनगर इलाके में एक और मुठभेड़ हुई। इसमें दो और आरोपियों की पुलिस ने घेराबंदी की। यहां आरोपी विशंभर दयाल और एक अन्य आरोपी पुलिस की गोली से घायल हुए हैं। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुक्रवार तड़के एसटीएफ को आरोपियों के बारे में इनपुट मिला कि वो इनायतनगर में छिपे हैं। घेराबंदी होने पर ने अनीश, विशम्बर और आजाद ने पुलिस वालों पर गोली चला दी। जवाबी फायरिंग में विशम्बर और आजाद घायल हो गए। इनायतनगर से अनीश भागने में कामयाब रहा।

इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके की नाकाबंदी कर दी। अनीश खान भागकर करीब 40 किमी. दूर पूराकलंदर इलाके में छिप गया। इस इनपुट पर पुलिस ने उसको घेर लिया। सरेंडर करने के लिए कहा। मगर अनीश ने पुलिस पार्टी पर गोली चला दी। यहां दो तरफा गोलियां चलीं। जिसमें अनीश घायल हो गया। पुलिस उसको जिला अस्पताल अयोध्या लेकर पहुंची। जहां अनीश का इलाज शुरू किया गया। लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। इस मुठभेड़ में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा भी घायल हो गए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है। दरअसल, सरयू एक्सप्रेस में 30 अगस्त को महिला हेड कॉन्स्टेबल के साथ बर्बरता हुई थी।

खून से लथपथ महिला कांस्टेबल ट्रेन की सीट के नीचे मिली थी। शरीर के निचले हिस्से में कपड़े नहीं थे। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः मामले को संज्ञान लिया था। महिला कांस्टेबल की हालत अभी भी ठीक नहीं है। उनका लखनऊ के केजीएमयू में ट्रीटमेंट चल रहा है। पुलिस के मुताबिक, अनीश और उसके दोनों साथी चोरी करते हैं। ट्रेन में अमूमन कूरेभार इलाके से लेकर मनकापुर तक। शुरुआती कहानी ऐसी है कि 30 अगस्त को भी वो लोग बोगी में चढ़े थे। बोगी में रोशनी कम थी। उन्हें नहीं पता था कि इस बोगी में महिला कांस्टेबल है। जब उन्हें पता चला तो उन्होंने महिला कांस्टेबल पर हमला कर दिया। इस मामले में पूछताछ अभी जारी है।

महिला कांस्टेबल का घर प्रयागराज के भदरी गांव में है। वह 4 बहनों और 2 भाइयों में दूसरे नंबर की हैं। 1998 में जब वह 18 साल की हुईं, तो स्पोर्ट्स कोटे से यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल बन गईं। इसी साल की शुरुआत में सुमित्रा को प्रमोशन मिला और वह हेड कॉन्स्टेबल बन गई। इस वक्त वह सुल्तानपुर जिले में तैनात हैं। विभाग ने पिछले कुछ दिनों से उनकी ड्यूटी अयोध्या के सावन झूला मेला में लगाई थी। 30 अगस्त को सुमित्रा घर से ड्यूटी के लिए निकलीं। शाम करीब साढ़े 6 बजे फाफामऊ स्टेशन पहुंच गई। वहां सरयू एक्सप्रेस आई और वह जनरल डिब्बे की एक कोच में बैठ गईं। ट्रेन प्रतापगढ़ होते हुए सुल्तानपुर पहुंची।

इसके बाद अयोध्या कैंट। यहां रात 11 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन 5 मिनट के लिए रुकी। कांस्टेबल को यहीं उतर कर हनुमानगढ़ी जाना था, लेकिन वह नहीं उतरीं। ट्रेन 12 बजे अयोध्या जंक्शन पहुंची। यहां ट्रेन 2 मिनट के लिए रुकी। लगभग यात्री उतर गए, मगर सुमित्रा नहीं उतरीं। ट्रेन 12 बजकर 50 मिनट पर अपने आखिरी स्टेशन मनकापुर पहुंच गई। यहां ट्रेन करीब 2 घंटे रुकी। गाड़ी का इंजन बदला गया और ट्रेन 3 बजकर 5 मिनट पर दोबारा मनकापुर से अयोध्या के लिए चली। ट्रेन अयोध्या पहुंची, तो जीआरपी के सिपाही चढ़े। उन्होंने देखा कि एक सीट के नीचे सुमित्रा तड़प रही थीं। जीआरपी के सिपाही ने पहले वीडियो बनाया और फिर तुरंत अफसरों को सूचना दी। वर्दी पूरी तरह से खून से भीगी थी। उन्हें उतार कर पहले श्रीराम हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टरों ने तुरंत ही मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां शुरुआती इलाज हुआ और फिर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।




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