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मिथेनाल का उपयोग करने वाली साढ़े तीन सौ यूनिट पर पुलिस की कड़ी नजर

Posted on: Fri, 29, Jul 2022 8:36 AM (IST)
मिथेनाल का उपयोग करने वाली साढ़े तीन सौ यूनिट पर पुलिस की कड़ी नजर

भरुच, गुजरातः (बीके पाण्डेय) गुजरात के बोटाद में हुए लठ्ठा कांड के बाद से मिथेनाल नामक केमिकल काफी ज्यादा चर्चा में आ गया है। एशिया की सबसे बड़े औद्योगिक इलाके वाले भरुच जिले में मिथेनाल का उपयोग करने वाले साढ़े तीन सौ यूनिट व पंपो पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। दारुबंदी वाले गुजरात राज्य के बोटाद में ही लठ्ठा कांड हुआ जिसे लेकर जहाँ विपक्ष आक्रामक हो गया है।

वहीं सरकार भी इस मुद्दे पर घिर गई है। देशी शराब की तस्करी करने वाले तस्करों ने नशेबाजों को दारु के स्थान पर सीधे केमिकल ही पिला दिया व एक के बाद एक कई लोगो को अपनी जान से हाथ गंवाना पड़ गया। अहमदाबाद की एक कंपनी में से मिथेनाल का जत्था शराब तस्करों तक पहुंचाये जाने से यह लठ्ठाकांड घटित हुआ एैसी बात कही जा रही है। एशिया की सबसे बड़ी जीआईडीसी वाले भरुच जिले में केमिकल का उत्पादन करने वाले अनेक कारखाने हैं।

जिस कारण जिला पुलिस भी सतर्क होकर काम कर रही है। भरुच, अंकलेश्वर,पानोली, दहेज व झगडिया जीआईडीसी में भरुच पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप ने एैसी 350 के करीब यूनिट व पंपो को खोजा है जिसमें मिथेनाल का उपयोग किया जाता है। एसओजी के अधिकारियों ने बताया कि भरुच में मिथेनाल का उत्पादन करने वाली कंपनियाँ ज्यादा नही है। मिथेनाल का उपयोग करने वाली कंपनियों को मिथेनाल के जत्थे का हिसाब रखने के लिए सूचित किया गया है। भरुच जिले की कंपनियाँ अपनी जरुरत के हिसाब से ही मिथाईल को मंगाने का काम करती है।

पकड़ी गयीं हैं ड्रग्स की फैक्ट्रियां

अंकलेश्वर व पानोली जीआईडीसी में से पहले ड्रग्स का उत्पादन करने वाली फैक्ट्री को पकड़ा जा चुका है। ड्रग्स माफियाओं की ओर से इंडस्ट्रीयल शेड को किराये पर रखकर उसमें ही नशाकारक दवाओं का उत्पादन शुरु कर दिया था। नशा कारक दवाओं को बनाने के लिए केमिकल सरलता से मिलता रहने के कारण ड्रग्स माफियाओं ने रास्ता बनाया था। दोनो ही जीआईडीसी में अनेक बार नार्कोटिक्स ब्यूरो की टीम भी छापा मार चुकी है।

स्टाक की जानकारी

भरुच की एसपी डाँ.लीना पाटिल ने कहा कि भरुच में मिथेनाल का उपयोग करने वाली साढ़े तीन सौ यूनिट व पंप स्थित हैं। मिथेनाल का विक्रय व संग्रह करने वाले यूनिट तथा पंप संचालकों को जत्थे की जानकारी देने के लिए सूचित किया गया है। पुलिस की ओर से कभी भी आकस्मिक जांच की जायेगी व कोई कमी पाये जाने पर कार्यवाही करेगी। मिथेनाल का दुरुपयोग रोकने के लिए पूरी सर्तकता बरती जा रही है।

तस्करों का नया तरीका

राज्य में पुलिस की ओर से देशी दारु की भठ्ठियों को बंद करा दिए जाने के बाद शराब तस्करों की ओर से नया तरीका अपनाया गया था। देशी दारु के नाम पर केमिकल ही नशाखोरो को दे दिया जाता था जो जानलेवा साबित हो गया। मिथेनाल की चोरी

पुलिस के लिए चुनौती

मिथेनाल केमिकल का वाष्पीभवन होने से उसे तस्करी के लिए आसान बताया जाता है। मिथेनाल के जत्थे को सही से रख पाने के लिए पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी होगी। मिथेनाल के स्टाक के बारे में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस की ओर से विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।

टैंकरों पर भी नजर

भरुच जिले में स्थित जीआईडीसी में स्थित कंपनियों में अनेक प्रकार के केमिकल का उत्पादन किया जाता है। कीमती केमिकल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के समय चालकों की मिलीभगत से केमिकल चोरी का कारोबार किया जाता रहा है। बोटाद के लठ्ठाकांड में मिथेनाल नामक केमिकल के जवाबदार माने जाने के बाद मिथेनाल का वहन करने वाले टैंकरों व वाहन भी पुलिस की रडार में आये हैं।




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