गागर, खिरकापोशी के साथ उर्स मेले का समापन
मोहम्मदाबाद गोहना, मऊ (सईदृज़्जफर) तहसील की नवसृजित नगर पंचायत वलीदपुर में स्थित सूफी मोहम्मद जान साहब सिद्धकी का 87 वा उर्स बड़े ही अकीदत के साथ मनाया गया। प्रातः काल मोइनीया मंजिल दरगाह चिराग रब्बानी गौसे जमानी वलीदपुर से गागर मय कौवालो, मुरीदीन के साथ सज्जादानशीन शाह मोहम्मद इजहार अहमद मोइनी ने अपने निर्धारित मार्ग से होते हुए आबिदा बहिनी के मजार पर पहुंचकर गागर की रस्म अदा की, तत्पश्चात मुख्य मार्ग से होते हुए रौजे पर पहुंचकर कामिल साहब एवं सूफी मोहम्मद जान साहब के मजार पर पहुच कर गागर की रस्म अदा किया। तत्पश्चात समाखाने में महफिले समा का कार्यक्रम हुआ जिसमें जौनपुर, गाजीपुर, बनारस, टांडा, मुबारकपुर, मऊ से आए कव्वालो ने सूफी साहब की शान में कसीदे पढ़े।
कव्वाल इरशाद अहमद ने गागर पढ़ा
“कैसे चलूं सर भारी गगरिया“। सायंकाल मोइनिया मंजिल से खीरकापोशी का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। जिसके बारे में बताया जाता है कि लगभग 400 वर्ष पुराने वस्त्र को पहनकर सज्जादानशीन रौजे पर पहुंचे तथा सूफी साहब एवं कामिल साहब की मजार पर सजदा करते हुए मस्जिद में जाकर मेंबर के पास स्थान ग्रहण किए।वहां पर देश के कोने-कोने से आए हजारों की संख्या में जायरीन एवं मुरीदिन खीरके की जियारत किए। रात में समाखाने में महफिल ए समा का कार्यक्रम हुआ इसके पश्चात मेले का समापन हो गया।
पूरे मेले को पुलिस प्रशासन द्वारा कई हिस्सों में बांटकर मुस्तैदी के साथ सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में इस मेले को सकुशल संपन्न कराया। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मदाबाद गोहना आलोक कुमार जायसवाल, तहसीलदार चंद्र भूषण प्रताप ,नायब तहसीलदार जावेद अंसारी, अधिशासी अधिकारी नितेश गौरव, नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि मोहम्मद अली समेत दर्जनों की संख्या में लेखपाल, अमीन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।समय समय पर पूरे मेले की निगरानी उप जिलाधिकारी मोहम्मदाबाद गोहना अतुल वत्स करते रहे।