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Uttar pradesh

भाजपा नेताओं के दौरे से कांग्रेस की बेचैनी बढ़ी

Posted on: Sat, 14, Oct 2017 9:13 AM (IST)
भाजपा नेताओं के दौरे से कांग्रेस की बेचैनी बढ़ी

अमेठीः (अश्वनी श्रीवास्तव) अमेठी मे योगी, शाह और स्मृति ईरानी के दौरे के बाद कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गयी है। स्वाभाविक भी है, क्योंकि अमेठी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। यहां सोनिया गांधी तक सब कुछ ठीक ठाक चला लेकिन जब सोनिया रायबरेली गयी और राहुल गांधी ने अमेठी संभाली सब कुछ बिगडने लगा। कारण प्रियंका बाड्रा की हर स्तर पर दखल और राहुल के नौकरशाहों का अमेठी के अवाम पर डिकटेटरशिप। नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस से आम आदमी दूर हो गया। 2014 के आम चुनाव मे पहली बार भाजपा ने तीन लाख वोट हासिल कर लिए और सपा की साइकिल का सहारा लेने के बाद भी राहुल को शर्मनाक जीत से संतोष करना पडा। यह सिलसिला यहीं नही रूका 2017 के विधान सभा चुनाव मे अमेठी की पांचो सीटो से कांग्रेस का सफाया हो गया।

कांग्रेस के सफेद पोश नेता एंव राहुल के नौकरशाह केवल राहुल के दौरे के समय ही नजर आते है जिसका आभास शायद राहुज गांधी को नही होगा। राहुल जिनकी आंखों से अमेठी देखते है वे खुद अंधे है। हालात यह हो गये कि भाजपा एंव टीम ईरानी ने अमेठी मे अपनी जडे मजबूत कर ली। 10 अक्टूबर को सीएम योगी, अमित शाह एंव ईरानी की सभा के बाद से भाजपा मे नई ऊर्जा का संचार हो गया है पर कांग्रेस की बेचैनी बढ गयी है। कांग्रेस को शायद यह डर सताने लगा है कि अगर भाजपा ऐसे ही बढती रही तो 2019 मे राहुल बाबा का विदाई समरोह आयोजित हो सकता है। मुलायम के पारिवारिक झगडे एंव गायत्री प्रजापति के जेल जाने के बाद सपा फुटपाथ पर खडी है बसपा की हालत और ही दयनीय है जिसको भाजपा भुनाने मे लगी है




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