देवरिया पुलिस का कारनामाः सीओ साहब की पत्नी को बस में सीट नही मिली तो चालान करवा दिया
देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव) देवरिया पुलिस जिन्दाबाद। जी हां अब देवरिया पुलिस को जिंदाबाद कहना ही पड़ेगा क्योंकि यहां के पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा आए दिन कुछ ऐसे नायाब और हास्यास्पद घटनाएं की की जा रही है। अभी 24 घंटे पूर्व एक सिपाही का शराब के नशे में अपने उच्चाधिकारियों के प्रति अपशब्दों के साथ नवाजे जाने से संबंधित वीडियो वायरल हुआ था।
अब देवरिया जिले के एक सी ओ साहब के द्वारा एक ट्रैवलर का चालान करवाकर कोतवाली सिर्फ इसलिये भिजवा दिया गया क्योंकि उनकी पत्नी को लखनऊ से वापस आते समय सीट नहीं मिली। बताते हैं कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक इतना नाराज हुए कि उन्होंने प्रकरण की जानकारी मिलने के बाद संबंधित सी ओ से बात करना उचित नहीं समझा और किसी अन्य सी ओ से कहकर उस ट्रैवलर बस को कोतवाली से रिहा करवाया। मिली जानकारी के अनुसार जनपद देवरिया में तैनात सी ओ साहब का परिवार लखनऊ में रहता है।
उनकी पत्नी आए दिन लखनऊ और देवरिया के बीच ट्रैवलर बस जो निजी बस मालिकों के द्वारा संचालित किया जाता है से यात्राएं करती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सी ओ साहब की पत्नी फ्री में यात्रा करती हैं और सीट पर बैठकर यात्रा का आनंद लेती है। बताया जाता है कि बस गुरुवार को सुबह करीब 10ः00 बजे लखनऊ से देवरिया के लिए चली। लेकिन बस पूरी तरह से भरी हुई थी। इस वजह से उनको बस में सीट नहीं मिल पाई। सूत्रों का कहना है की बस चालक ने अन्य महिला यात्रियों को जो बैठी हुई थी बड़ी मुश्किल से उनको खड़ा किया और उनकी जगह पर सी ओ साहब की पत्नी को सीट पर बैठाया।
कहा जाता है इस प्रक्रिया में कम से कम 15 20 मिनट का समय जाया हो गया और इस दौरान सीओ साहब की पत्नी खड़ी रही। बस फिर क्या था सीओ साहब की पत्नी का तेवर सातवें आसमान में पहुंच गया और उन्होंने वहीं से अपने पति जो देवरिया जिले में किसी सर्किल के सीओ हैं से अपनी कानूनी ताकत को आजमाने के लिए फरमान सुना दिया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि सीओ साहब का आदेश मिलते ही यातायात विभाग के सिपाहियों सहित खुद कोतवाली थाने के कई जवान देवरिया गोरखपुर ओवर ब्रिज के पास शाम को लगभग पांच बजे खड़े हो गए और बस के देवरिया पहुंचते ही उन्होंने अपने कब्जे में लेते हुए कोतवाली थाने के परिसर में खड़ा कर दिया।
इस संबंध में यातायात निरीक्षक गुलाब सिंह का कहना है कि बस का चालान करके ₹5600 का जुर्माना वसूल किया गया है। बताते हैं कि इस दौरान अन्य यात्रियों को बड़ी असुविधाओं का सामना करना पड़ा और कानून के रखवालों के प्रति और संसदीय और असंसदीय भाषा का भी प्रयोग किया गया। मामले की जानकारी किसी तरीके से पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा को कुछ मीडिया कर्मियों के द्वारा दी गई। जिस पर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा साहब काफी नाराज हुए और उन्होंने संबंधित सी ओ को भविष्य में इस तरह की किसी भी प्रकार की घटनाओं को न करने के लिए चेतावनी दिया गया। इस सम्बन्ध में शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक का कहना था कि जो जैसा करेगा वैसा भरेगा। वैसे सम्बंधित सी ओ के सामने ही सब कुछ आ रहा है और भविष्य में भी आएगा।