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परूचन के दुकानदार के बेटे का अपहरण, नाले में मिली लाश

Posted on: Tue, 28, Jul 2020 9:36 AM (IST)
परूचन के दुकानदार के बेटे का अपहरण, नाले में मिली लाश

गोरखपुरः पिपराइच थाना क्षेत्र में एक परचून कारोबारी के 14 साल के बेटे का अपहरण कर उसकी बाद हत्या कर दी गई। सोमवार शाम केवटिया टोला के पास से पुलिस ने नाले के पास से बोरे में लड़के की लाश बरामद की। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी दयानंद राजभर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। वारदात को अंजाम देने में तीन-चार और लोग भी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। किडनैपर्स ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी।

एसएसपी गोरखपुर डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि आरोपी दयानंद राजभर जंगल चक्रधारी का रहने वाला है। इस घटना में इस्तेमाल किए गए मोबाइल और कुछ सिम बरामद किए गए हैं। फर्जी सिम बेंचने वाले रिंकू गुप्ता और निकेश को पुलिस ने हिरासत में लिया है। यहां जंगल छत्रधारी गांव में मिश्रौलिया टोला के पास रहने वाले महाजन गुप्त घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं। साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं। उनका बेटा बलराम रविवार दोपहर करीब 12 बजे खाना खाने के बाद दोस्तों के साथ खेलने निकला और वानस नही लौटा।

करीब तीन घंटे के बाद तीन बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर एक फोन आया, बताया गया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है। उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपए का इंतजाम कर लो। रकम कब और कहां पहुंचानी है, इस बारे में बताया जाएगा। महाजन ने उस नंबर पर दोबारा फोन किया तो वह स्विच ऑफ मिला। इसके बाद शाम पांच बजे पुलिस को सूचना दी। गुलरिहा, पिपराइच, सीओ चौरी चौरा, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की टीम को अलर्ट मोड पर किया गया। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गोरखपुर में छात्र के अपहरण और हत्‍या पर गहरा दु:ख जताते हुए परिवारीजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है।

इसके साथ ही उन्‍होंने अपहरण और हत्‍या की साजिश में शामिल सभी अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का भी भरोसा दिया है, एसएसपी गोरखपुर डॉ.सुनील गुप्ता ने बताया कि आरोपी दयानंद राजभर जंगल चक्रधारी का रहने वाला है। पहचान छिपाने के लिये संभवतः उसने बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल उत्तर प्रदेश में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। अपहरण तो उद्योग की तरह विकसित हो रहा है। पहले कानपुर, फिर गोण्डा और अब गोरखपुर। बदमाश लगातार कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। गोरखपुर की घटना उस वक्त घटी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं शहर में थे। कानून व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है।




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