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देवरिया में एक पुलिसकर्मी की पत्नी न्याय के लिये खा रही है दर दर की ठोकरे

Posted on: Sun, 14, Jan 2024 7:28 PM (IST)
देवरिया में एक पुलिसकर्मी की पत्नी न्याय के लिये खा रही है दर दर की ठोकरे

देवरिया, ब्यूरो (ओपी श्रीवास्तव)। भाजपा सरकार आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर राम राज्य स्थापित करने का दावा कर रही है। कहा जा रहा है कि भगवान राम जिस तरीके से 14 साल का बनवास को काटने के बाद जब अयोध्या आए थे और उस समय पूरे अयोध्या में घर-घर दीप जले थे। उसी तरीके से आगामी 22 जनवरी को अयोध्या सहित पूरे देश में लोग दीपोत्सव मनाएं।

इसे लेकर लोगों में उत्साह और रोमांच भी है। अयोध्या में जिस तरीके से यहां की कण कण कण को राम मय करने की युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है उससे हो सकता है कि भगवान राम का संदेश उत्तर प्रदेश सहित समूचे भारत में प्रसारित हो जाए और आम जनमानस भगवान राम के बताए हुए रास्ते पर चलने लगे। लेकिन हाल फिलहाल हम बात कर रहे हैं अयोध्या से लगभग 150 किमी पूर्व दिशा में स्थित देवरिया जिले की। यहां से एक यथार्थ कहानी निकलकर सामने आ रही है और वह यह है कि यहां पुलिस लाइन में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी उत्तर प्रदेश पुलिस कर्मचारी की पत्नी करीब चौदह साल तक पति के साथ रहने के बाद अब दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हो गई है।

कारण यह कि अब पति पुलिसकर्मी ने अपनी पत्नी को साथ रखने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में पुलिस कर्मचारी की पत्नी ने थाना कोतवाली पुलिस से लेकर प्रदेश के मुखिया तक अपनी शिकायत प्रस्तुत किया है। लेकिन कहीं पर कार्रवाई अब तक नहीं की गई। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने पीड़िता की शिकायत के सम्बन्ध तल्ख टिप्पणी करते हुए पीड़िता से कह दिया कि मैं इस मामले में क्या करूं? क्या मैं पंडित था जो मैंने तुम्हारी शादी करवाई थी? मैं कुछ नहीं कर सकता। हालांकि आरोपी नंदकिशोर मिश्रा पुलिस अधीक्षक के कार्यालय एवं आवास पर बतौर फॉलोअर काम करता है और पुलिस अधीक्षक उसके चाल चलन तथा व्यवहार को अच्छी तरीके से जानते पहचानते हैं।

लेकिन एक दलित महिला के साथ इंसाफ ना हो पाना अपने आप में वर्तमान कानून व्यवस्था की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। मूल कहानी यह है कि दलित समाज से संबंध रखने वाली पीड़िता पुष्पा देवी का कहना है कि वर्ष 2009 में उसकी शादी श्री नन्द मिश्रा के साथ हुई थी। श्री मिश्र ने पुष्पा देवी को बतौर पत्नी अपने साथ देवरिया के पुलिस लाइन में स्थित सरकारी आवास संख्या 14 में (जो महिला थाना के ठीक पीछे है) में रखा। लेकिन अब उसे पत्नी मानने से इनकार कर रहे हैं इसलिए उसके सामने जीवन और मृत्यु का संकट उत्पन्न हो गया है। अत्यंत दुखी हृदय से अपनी आंखों में आंसू भरकर पुष्पा देवी बताती हैं कि वह दो बच्चों की मां थी।

उनके पहले पति की मृत्यु हो गई थी तथा वह पड़ोसी राज्य बिहार के गोपालगंज जिले के मिस्र अघैला गांव में अपने मां-बाप के पास रहती थी, यह 2009 की बात थी। उस समय उसके तथा कथित पति श्री नन्द किशोर देवरिया जिले के बनकटा थाने में फॉलोवर के पद पर तैनात थे तथा इस दौरान किसी परिचित के माध्यम से वे पुष्पा देवी के घर आए तथा खुद को विधुर व निःसंतान बताते हुए पुष्पा देवी के साथ प्रसिद्ध थावे भवानी के मंदिर में जाकर शादी किया। पुष्पा देवी बताती है कि पिछले 6 महीने तक सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था कि अचानक नंदकिशोर मिश्र के स्वर्गवासी हो चुकी पहली पत्नी के लड़कों ने आकर पुलिस लाइन स्थित आवास से जबरन नंदकिशोर मिश्रा को अपने साथ लेकर देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र अंतर्गत पुरैनी गांव चले गए।

कहा जाता है कि उसी के बाद से नंदकिशोर मिश्रा ने पुष्पा देवी को पहचानने से इंकार कर दिया है। और जब कभी उनसे बात होती है तो वह साफ साफ इनकार कर देते हैं कि वह किसी भी पुष्पा देवी नामक महिला को नहीं जानते पहचानते हैं और न हीं उनका उससे कोई वास्ता या रिश्ता है। पुष्पा देवी का यह भी आरोप है कि बीते 6 जनवरी को वह पुलिस लाइन स्थित अपनी सरकारी आवास से बाजार गई थी कि इस दौरान नंदकिशोर मिश्र तथा उनके पुत्रों आदि ने आकर घर का ताला तोड़कर घर में रखे हुए कीमती सामानों को लूटपाट करते हुए चले गए और जब इसकी शिकायत उन्होंने थाने पर की तो पुलिस वालों ने नंदकिशोर मिश्रा को भला बुरा कहा लेकिन उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की।

इस मामले में दुखद पहलू यह है कि पुलिस विभाग के अनेक अनेक पुलिसकर्मी यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि नंद किशोर मिश्रा शराबी एवं अययास् किस्म का व्यक्ति रहा है और वह पहले भी पुष्पा देवी को आए दिन शराब पीकर मारता-पीटता था। इस मामले में पुलिस लाइन के तत्कालीन आर आई श्री पांडेय जी को कई बार हस्तक्षेप भी करना पड़ा था लेकिन इसके बावजूद पुलिस विभाग अपने ही किसी कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लेने में लाचार है तथा उसकी पत्नी को न्याय दिलाने में असफल साबित हो रहा है। पुष्पा देवी का कहना है कि वह थाना कोतवाली से लेकर एडीजी जोन एवं मुख्यमंत्री के गोरखपुर स्थित कैंप कार्यालय में जाकर भी शिकायत कर चुकी हैं। जांच और कार्यवाही के नाम पर इधर उधर दौड़ाया जाता है। लेकिन उनको कहीं से कोई न्याय नहीं मिल पा रहा है।

पुष्पा देवी रोते हुए कहती हैं कि वह काफी गरीब घर की अनुसूचित जाति की दलित महिला है इसलिए उनके समक्ष इस समय जीवन व्यतीत करने के लिए आवश्यक धन भी नहीं है। 14 साल तक एक पुलिस वाले की बीवी बनाकर उन्होंने अपना जीवन बर्बाद कर दिया। पुलिस विभाग के लोग सब कुछ जानते हुए भी जांच के नाम पर समय व्यतीत कर रहे हैं और नंदकिशोर को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पुष्पा देवी का यह भी कहना है कि उन्होंने न्यायालय का शरण लिया है लेकिन वहां पर भी शीघ्र न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। इसलिए अत्यधिक दुखी एवं निराश हैं। उनका कहना है कि यदि उनके साथ शीघ्र न्याय नहीं हुआ तो वह अपने जीवन लीला को समाप्त करने के लिए विवश हो जाएंगी। इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर संजय रेड्डी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि अभी वह नए-नए आए हैं। उनको इस प्रकरण की जानकारी नहीं है।




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