अपराध तथा चुनावी चकल्लस में में फुस्स हो गया यातायात माह
कुण्डा, प्रतापगढ़: (अरूण द्विवेदी) तहसील क्षेत्र में बढ़े अपराधों, हादसों के बीच चल रही चुनावी चकल्लस में यातायात माह पूरी तरह फुस्स हो गया। प्रशासन के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों ने भी इस ओर कोई रूचि नही दिखाई जिससे हालात ज्यों के त्यों हैं। ग्रामीण अंचल में बढ़े दोपहिया वाहनों के चालकों को भी यातायात नियमों की जानकारी नही है। यातायात नियमों की गैर जानकारी व अनदेखी से आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। बेल्हा के नगर इलाके को छोड़कर कहीं भी अभी तक प्रशासन का अभियान शुरू नहीं हुआ है। जिला प्रशासन अपनी खानापूरी के लिए वाहन चेकिंग लगाकर शमन शुल्क की वसूली कर अपनी पीठ खुद थपथपा रहा है। जबकि असल में सभी वाहन चालकों को नियमों की जानकारी के लिए जागरूकता रैली या विचार गोष्ठी का आयोजन होना था। साथ ही नियमों की अनदेखी करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसा जाना था लेकिन बेल्हा में हो रहे त्रिसतरीय पंचायत चुनाव की चकल्लस में उलझे प्रशासन को जरा भी फुर्सत नही है। यही नहीं अगर प्रशासन पहल करने की ओर बढ़ने की कोशिश करता भी है तो इलाके में बढ़ रहे अपराधों की फेहरिस्त कम नहीं होने वाली है। पखवारे भर के भीतर बेल्हा में हुए अपराधों से दो चार हो रही खाकी के कदम रूकने के पहले ही हादसों की रोकथाम के लिए बढ़ जाते है। रसूख कहे या अज्ञानता अथवा जानकारी का अभाव मार्ग दुर्घटनाओं के बढ़ते दायरे में यातायात नियमों की अनदेखी ही साफ झलक रही है जिससे बचने के लिए लोगों को खुद से ही पहल करने की जरूरत है अन्यथा खुशियों का सफर दुखों के पहाड़ तले यूं ही रौंदा जाता रहेगा।