थाने के चक्कर लगा रहे थे बलात्कार पीड़िता के परिजन, डीआईजी के हस्तक्षेप पर दर्ज हुआ केस
लखनऊः उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे अपराधों की वजह पुलिस की लचर कार्यशैली है। संवेदनहीनता उस हद तक पहुंची है कि बलात्कार पीड़िता और परिजनों को मुकदमा दर्ज करवाने के लिये थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस बीच पीड़ित और उसके परिजन की सुरक्षा रामभरोसे रहती है।
किसी दबाव में मुकदमा दर्ज हो जाता है तो पुलिस सुलह का दबाव बनाती है या फिर आरोपियों संग मिलकर मुकदमे को बेहद कमजोर बनाने में मददगार हो जाती है। पुलिस का यह चरित्र जब तक नही बदलेगा सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले, अपराधों में कभी नही आयेगी। कानपुर जिले के चकेरी इलाके में 20 साल की रेप पीड़ित और उसके माता-पिता बीते 8 दिनों से थाने के चक्कर लगाने के बावजूद पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। पुलिसकर्मी उल्टे ही परिवार पर समझौते का दबाव बना रहे थे। गुरुवार को रेप पीड़िता ने क्प्ळ से न्याय की गुहार लगाई। क्प्ळ प्रीतिंदर सिंह ने चकेरी थानेदार को जमकर फटकार लगाई।
वहीं, पीड़ित की थ्प्त् दर्ज होने के साथ ही आरोपी को अरेस्ट करने के लिए टीम गठित की गई है। चकेरी थाना क्षेत्र में रहने वाले प्राइवेट कर्मी की बेटी ठ। फाइनल इयर की छात्रा है और एलएलबी करना चाहती थी। छात्रा पास में ही एक बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने के लिए घर जाती थी। ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चे के चाचा अभिषेक से छात्रा की दोस्ती हो गई थी। अभिषेक छात्रा को एलएलबी इंट्रेंस एग्जाम का फार्म भराने के बहाने अपने साथ ले गया और एक फ्लैट में उससे दुष्कर्म किया। इस दौरान अभिषेक ने छात्रा के अश्लील वीडियो और फोटो भी बना लिए थे। आरोपी अभिषेक छात्रा के वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देता था। इस तरह ब्लैकमेल कर उसने कई बार छात्रा से रेप किया।