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कांग्रेस-सपा का गठबंधन फाइनल, 17 सीटों पर बनी बात, प्रियंका गांधी ने की मध्यस्थता

Posted on: Thu, 22, Feb 2024 10:21 AM (IST)
कांग्रेस-सपा का गठबंधन फाइनल, 17 सीटों पर बनी बात, प्रियंका गांधी ने की मध्यस्थता

यूपी डेस्कः आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर लड़ेगी। कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें गईं हैं जबकि सपा 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इनमे कुछ सीटें छोटे दलों को दी जा सकती हैं। खबर है कि प्रियंका गांधी के प्रयास से मध्यस्थता कर अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच की दूंरियां खत्म हुई हैं और गंठबंधन को अंतिम स्वरूप मिला है। गछबंधन फाइलन होने के बाद भाजपा और रालोद की नींद उड़ गई है।

जयंत चौधरी के प्रभाव वाले सीटों पर जबरदस्त घेरेबंदी की उम्मीद है। अलायंस में शामिल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच शीट शेयरिंग फाइनल हो गई है। समझौते के तहत कांग्रेस 17 सीटों पर जबकि सपा 63 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सपा अपने कोटे से कुछ छोटे दलों को भी सीट दे सकती है। कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समझौते का ऐलान किया। यूपी में 7 साल बाद कांग्रेस और सपा दोबारा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा हम सपा-कांग्रेस के समझौते की घोषणा करने आए हैं। इस गठबंधन को लेकर देश बहुत समय से उम्मीद लगाए बैठा था। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा-लखनऊ में हम आपसे बात कर रहे हैं, लेकिन भारत को बचाने का संदेश पूरे देश में जा रहा है। अखिलेश यादव ने बार-बार कहा है कि 2014 में यूपी से ही भाजपा आई थी और 2024 में यहीं से भाजपा सत्ता से बाहर जाएगी। हम इस संदेश को लेकर आए हैं कि देश के हालात बहुत खराब हैं। किसान, युवा सड़कों पर है, समाज भाजपा की कुनीतियों का शिकार हो रहा है।

कांग्रेस यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि प्रियंका गांधी ने गठबंधन को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। राहुल गांधी की प्रदेश में हो रही कांग्रेस जोड़ो न्याय यात्रा का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।यूपी में अभी 24-25 फरवरी को राहुल की यात्रा होगी। अखिलेश यात्रा में शामिल होंगे। अखिलेश यादव के राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में नहीं शामिल होने से ऐसा माना जाने लगा था कि अब ये गठबंधन नहीं होगा। कुछ सीटों को लेकर खींचतान मुख्य वजह थी। कांग्रेस पहले मुरादाबाद और बिजनौर सीट की मांग कर रही थी, लेकिन सपा इस पर राजी नहीं थी। कांग्रेस ने जब बिजनौर और मुरादाबाद सीट की डिमांड ड्रॉप कर दी तो सपा राजी हो गई। सपा भी वाराणसी से उम्मीदवार नहीं उतारेगी। गठबंधन कराने में प्रियंका गांधी की भूमिका खास रही। उन्होंने मध्यस्थ बनकर अखिलेश और राहुल के बीच बातचीत कराई और सीटों की जिद छोड़ने पर राजी किया।




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