अम्मार अब्दुल हई बने प्रोफेसर
मऊः (सईदुज्जफर) मऊ शहर जो कि साड़ी व्यवसाय के लिए दुनिया में जाना जाता है। आज शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है। कड़ी मेहनत और लगन के बल पर मऊ के होनहार छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा हर क्षेत्र में मनवाया है। इसी कड़ी में मुहल्ला डोमन पुरा (बाड़ा) निवासी हाफिज़ अब्दुल हई के पुत्र अम्मार अब्दुल हई का जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के इस्लामिक स्टडीज़ में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित होकर मऊ का मान बढ़ाया है।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा मदरसा आलिया अरबिया से हुयी जबकि हिफज़-ए-कुरान मदरसा दारुलओलूम मऊ से किया। आलमियत की पढ़ाई जमियतुल फलाह बिलरियागंज आज़मगढ़ से की, आगे की पढ़ाई के लिए इन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली में प्रवेश लिया और यहीं से बीए, एमए, बीएड की पढ़ाई की और यहीं से “उन्नीसवीं व बीसवीं सदी के हिन्दुस्तान में मुस्लिम मोफक्करीन का तसव्वुर तालिम“ पर रिसर्च किया और 2017 में डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की ज्ञात हो कि इनके पिता हाफिज़ अब्दुल हई जामिया असरिया दारुलहदीस मऊ के सेवानिवृत्त शिक्षक व मदरसा अलरहमा के संस्थापक हैं।
अम्मार अब्दुल हई ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता, भाई-बहन, पत्नी व अध्यापकों सहित सभी शुभचिंतकों को देते हुए उनका व खुदा का शुक्रिया अदा किया है जिसकी वजह से उन्हें इतनी बड़ी सफलता मिली। अम्मार अब्दुल हई का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन होने पर आमिर अब्दुल हई, रैहान सईद, सईदुज़्ज़फर, फैसल, अख्लाक, ज़फरुल इस्लाम, जमाल अनवर आदि ने बधाई देते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।