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19 मई 2024
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Delhi

चंडीगढ़ में दोबारा मेयर चुनाव हुआ तो भाजपा जीत जायेगी, बदल गया है समीकरण

Posted on: Tue, 20, Feb 2024 1:13 AM (IST)
चंडीगढ़ में दोबारा मेयर चुनाव हुआ तो भाजपा जीत जायेगी, बदल गया है समीकरण

चंडीगढ़ मेयर के चुनाव में भारतीय लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया था। रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने बैलेट पेपर पर मार्किंग करके विपक्षी उम्मीदवार के 8 वोट खराब कर दिया था। मौके पर हंगामा भी खूब हुआ था। लेकिन सुनियोजित तरीके से भाजपा उम्मीदवार को विजयी घोषित कर दिया गया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा निशाने पर थी और देशभर में एक संदेश प्रसारित हो गया कि सम्पूर्ण चुनाव भाजपा ऐसे ही तरीकों को अपनाकर जीतती है।

दरअसल धन की ताकत के आगे कब किसकी निष्ठा और इमानदारी जवाब दे जायेगी कुछ नही कहा जा सकता। कभी कभार इस प्रकार की चोरी न चाहते हुये भी सार्वजनिक हो जाती है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव दोबारा कराए जाने की जगह एक नई व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा बैलट पेपर्स की गिनती कर चंडीगढ़ मेयर का चुनाव किया जाए। बैलट पेपर्स पर अगर पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कोई मार्क लगाए हैं तो उन्हें नजरअंदाज करके काउंटिंग की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर्स कोर्ट में पेश करने के भी निर्देश दिए हैं।

मंगलवार को 2 बजे चुनाव का पूरा वीडियो और बैलट पेपर्स की जांच करेगी। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा- आपने बैलट पेपर्स पर निशान क्यों लगाया। इस पर मसीह ने कहा कि उन्होंने 8 खराब बैलट पर निशान लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह पर अलग केस चलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन में प्रिसाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह का वायरल वीडियो देखने के बाद तल्ख टिप्पणी भी की। आपको बता दें चंडीगढ़ मेयर के लिए 30 जनवरी को वोटिंग हुई थी। यहां पहली बार इण्डिया गठबंधन के तहत आप और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा।

इसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। चंडीगढ़ में मेयर चुनने के लिए स्थानीय सांसद भी वोट करता है। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की जिसमें भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर को 16 वोट मिले। जबकि आप के 13 और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने वोटिंग की थी, उनके कैंडिडेट कुलदीप टीटा को 20 वोट मिलने चाहिये थे लेकिन 12 वोट ही मिले। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन कैंडिडेट के 8 वोट इनवैलिड बताए थे।

आप और कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मसीह ने इन पर निशान लगाकर इन्हें इनवैलिड किया। चंडीगढ़ में वोटों का समीकरण चुनाव के बाद बदल चुका है। चुनाव दोबारा हुए तो परिणाम भी बदल जायेंगे। आप के 3 पार्षद भाजपा में चले गये हैं। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही भाजपा के पास 15 वोट हैं। आप के 3 पार्षदों के भाजपा जॉइन करने से यह आंकड़ा 18 हो गया। अकाली दल का एक वोट मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगा। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट से मेयर चुनाव दोबारा करवाने को लेकर फैसला आता है तो भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ अपना मेयर बना लेगी। फिलहाल पूरे घटनाक्रम पर हमारी नजर है।




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