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Uttar pradesh

विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने एस.पी. देवरिया पर साधा निशाना

Posted on: Sun, 10, Dec 2023 10:36 PM (IST)
विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने एस.पी. देवरिया पर साधा निशाना

देवरिया ब्यूरो, (ओपी श्रीवास्तव) देवरिया जिले में सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी एवं पुलिस अधीक्षक के बीच सम्भवतः 36 का आंकड़ा हो गया है। जिले में आए दिन हो रहे अपराधों तथा अपराधियों के ऊपर लगाम नहीं लगने से भाजपा सरकार की आम लोगों में हो रही किरकिरी को लेकर शलभ मणि त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक पर जोरदार निशाना साधा है।

उन्होंने बतौर उदाहरण जिले के भटनी थाना के अंदर नाबालिग से छेड़खानी और उसके साथ हुई अश्लीलता के आरोपी थानेदार के मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा प्रभावी पैरवी न करने के फलस्वरूप न्यायालय द्वारा बरी कर दिये के मामले में शलभ मणि त्रिपाठी ने पत्र लिखकर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि जिन पुलिस कर्मियों की गवाही से पलटने से दोषी पुलिस निरीक्षक बरी हो गए उनके खिलाफ फिर से जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। विधायक के इस कदम से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

उल्लेखनीय है कि जिले के भटनी थाना में वर्ष 2020 के जुलाई महीने में भीष्म पाल सिंह यादव एस एच ओ के पद पर तैनात थे। उसी दौरान थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला अपनी नाबालिग बेटी के साथ किसी मामले में शिकायत करने थाने पर पहुंची। आरोप है कि तत्कालीन थानाध्यक्ष भीष्म पाल सिंह यादव ने अपने कक्ष में दोनों को बुलाया और वह नाबालिग के समक्ष ही अश्लील (हस्तमैथुन) हरकत करने लगे। इस संबंध में वीडियो वायरल होने पर थानाध्यक्ष भीष्म पाल के खिलाफ पाक्सो जैसी गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था।

मुकदमें के बाद तत्कालीन एस पी श्रीपति मिश्र ने थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद भीष्मपाल सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गया। पुलिस द्वारा फरार पुलिस निरीक्षक पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था। बाद में वह पुलिस की गिरफ्त में आने पर वह जेल गये। इस मामले में चले मुकदमे के दौरान कोर्ट में केस के विवेचना अधिकारी, तत्कालीन क्षेत्राधिकारी पंचम लाल तथा सभी पुलिस कर्मी अपनी गवाही से मुकर गए। इसके चलते भीष्म पाल सिंह करीब एक माह पूर्व कोर्ट से बाईजजत बरी हो गए।

उक्त प्रकरण के संबंध में सदर विधायक ने एस पी संकल्प शर्मा को लिखे पत्र में कहा है कि यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस बेहद गंभीर प्रकरण में कोर्ट में ट्रायल के दौरान विवेचना अधिकारी, तत्कालीन सीओ पंचम लाल तथा सभी पुलिस कर्मी अपनी गवाही से पलट गए। जिसके चलते इंस्पेक्टर भीष्म पाल अदालत से बरी हो गए। विधायक का कहना है कि आरोपी पुलिस कर्मी को बचाने के लिए जिस तरह तत्कालीन क्षेत्राधिकारी समेत तमाम पुलिस कर्मियों ने अपने बयान बदले हैं, वह आपराधिक मिली भगत की तरफ इशारा करता है।

शलभ मणि सदर विधायक ने इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच कर गवाही से पलटने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। लोगों ने सदर विधायक के द्वारा पुलिस विभाग के प्रति उठाए गए इस कदम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं प्रारंभ कर दिया है। लोगों का कहना है कि जिले में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहे हैं। भू माफिया तथा अपराधी खुलेआम अपराध कर रहे हैं और अपराधियों के अंदर कानून का भय समाप्त हो चुका है।

लोगों का यह भी कहना है कि हो सकता है पुलिस अधीक्षक के खिलाफ उठाए गए विधायक के इस कदम के पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी भी हो। उक्त प्रकरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक को जब उनके सीयूजी नंबर पर टेलीफोन किया गया तो हमेशा की तरह टेलीफोन उनके पी आर ओ अनिल यादव ने उठाया और उन्होंने इस संवाददाता से ही प्रकरण के संबंध में संपूर्ण जानकारी लेने के बाद कॉल बैक कर जानकारी देने का भरोसा दिलाया। लेकिन काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी पुलिस अधीक्षक अथवा उनके पी आर ओ का इस संबंध में कोई टेलीफोन नहीं आया। इस वजह से पुलिस अधीक्षक का पक्ष इस संबंध में नहीं जाना जा सका।




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