सेक्टर-26 के डिस्को के बाहर पुलिस और क्राइम ब्रांच में हुई मारपीट
चंडीगढ़ (अभिषेक सिंह) गोली चलाने की एक भी वारदात को न सुलझाने वाली यूटी पुलिस के कर्मचारी अब आपस में ही एक दूसरे पर पिस्टल तानने लगे हैं, बीच सड़क पर एक दूसरे पर थप्पड़ मुक्के बरसा रहे हैं। वह भी तब तक जब तक एक दूसरे की हड्डियां न टूट गई हो। यह नजारा देखने को मिला सेक्टर-26 के डिस्कोथेक कल्चर के साइड पर।
यहां क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह गैंगस्टर की सूचना पाकर निर्दोष युवकों को उठाने पहुंचे, जब सतविंदर ने युवकों को हिरासत में लिया तो पुलिस थाना 26 का सब इंस्पेक्टर नवीन भड़क गया कि उसके होते हुए इनको क्राइम ब्रांच कैसे ले जाए ? वह इतना भड़का कि इंस्पेक्टर के मुंह पर तमाचा मारकर उसकी हिरासत से युवकों को अपनी हिरासत में लेने लगा। यह देखकर क्राइम ब्रांच की टीम और थाना 26 पुलिस में जमकर मारपीट हुई। इस मारपीट में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सतविंदर और एसआई नीरज जबकि थाना 26 पुलिस के एसआई नवीन और एएसआई रमेश के चोटें पहुंची। सभी का सरकारी अस्पताल में मेडिकल तक हुआ तो पता चला कि इंस्पेक्टर और एएसआई रमेश के शरीर में फ्रेक्चर आए हैं।
यह है मामला
वारदात शुक्रवार रात 12.30 बजे की है। दरअसल कुछ दिन पहले सेक्टर 9 के जिस एसके डिस्कोथेक के बाहर गोली चली थी। उसके संचालकों ने पुलिस को सूचित किया कि दो लड़के डिस्कोथेक में आए हैं और धमका रहे थे। जब तलाशी को कहा तो उन्होंने कहा कि हमारा सामान तो कार में है। कार नंबर तक क्राइम ब्रांच को डिस्कोथेक संचालकों ने दिया। तुरंत क्राइम ब्रांच की तरफ से एसपी विनित कुमार को सूचित कर कार का नंबर फ्लैश करवाया गया। क्राइमब्रांच के इंस्पेक्टर सतविंदर सिंह अपनी टीम के साथ सादी वर्दी में कार के पीछे लग गए। कार जब सेक्टर-26 के डिस्कोथेक के बाहर पहुंची, तो इंस्पेक्टर सतविंदर ने दोनों युवकों को दबोच लिया।
कार की तलाशी लेने ही वे जा रहे थे, तो थाना 26 के एसआई नवीन भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। नवीन खुद इंस्पेक्टर सतविंदर के बैचमेट हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों यूनिट की पुलिस को लगा कि उन्होंने मोस्ट वांटेड गैंगस्टर दबोच लिए हैं। नवीन ने कहा कि युवकों को वह ले जाएगा,सतविंदर ने कहा कि वे उसकी कस्टडी में हैं, वह उनको नहीं देगा। दोनों में विवाद हुआ और एक दूसरे के थप्पड़ और मुक्के मार दिए। इसके बाद थाना-26 पुलिस जिसमें 6 लोग थे, वे क्राइम ब्रांच पर हावी हो गए। बीच सड़क पुलिस की पुलिस से लड़ाई डिस्कोथेक में आए युवाओं ने देखी।
मामला छिपाने का किया प्रयास
मामले को अफसरों ने दबाने का पूरा प्रयास किया। थाना 26 में डीडीआर दर्ज हुई। उसमें कहा कि बावर्दी थाना 26 की पुलिस थी और क्राइम ब्रांच सादी वर्दी में थी। मौके पर अंधेरा था,जिस कारण दोनों यूनिट की पुलिस ने एक दूसरे को पहचाना नहीं और दोनों यूनिट की पुलिस में आपसी विवाद हुआ। जबकि असलियत इससे भिन्न है। दरअसल एसआई नवीन और इंस्पेक्टर सतविंदर दोनों बैचमेट हैं। सतविंदर को उनके अच्छे कामों के चलते प्रमोट कर ओआरपी इंस्पेक्टर बना दिया गया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ये कैसे हो सकता है कि बैचमेट एक दूसरे को ही न पहचाने।
मामले को अफसरों ने दबाने का पूरा प्रयास किया। थाना 26 में डीडीआर दर्ज हुई। उसमें कहा कि बावर्दी थाना 26 की पुलिस थी और क्राइम ब्रांच सादी वर्दी में थी। मौके पर अंधेरा था,जिस कारण दोनों यूनिट की पुलिस ने एक दूसरे को पहचाना नहीं और दोनों यूनिट की पुलिस में आपसी विवाद हुआ। जबकि असलियत इससे भिन्न है। दरअसल एसआई नवीन और इंस्पेक्टर सतविंदर दोनों बैचमेट हैं। सतविंदर को उनके अच्छे कामों के चलते प्रमोट कर ओआरपी इंस्पेक्टर बना दिया गया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ये कैसे हो सकता है कि बैचमेट एक दूसरे को ही न पहचाने।
दरअसल पुलिस जिन दो युवकों को दबोचने पर आपस में लड़ी। उनका कोई कसूर नहीं था। जब क्राइम ब्रांच की टीम और थाना 26 की पुलिस में मारपीट हुई। तो इस दौरान इन युवकों की कार में कुछ नहीं निकला। फजीहत से बचने के लिए पुलिस ने अमृतसर निवासी दो युवकों नवजोत सिंह और तरुणदीप को थाना 3 में मारपीट की आशंका की धारा 107/151 के तहत अरेस्ट कर लिया। जबकि उनका कसूर कोई नहीं था। ‘आपसी मिस कम्युनिकेशन था। डीएसपी ने खुद मौके पर जाकर सारा मामला सुलटा लिया था। गैंगस्टर को दबोचने के लिए पुलिस को सूचना थी, लेकिन वह गलत निकली थी- कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी। ‘कुछ नहीं हुआ, न मारपीट न कुछ और। दो लड़के पकड़े थे, जो नॉर्थ थाने के वांटेड थे। उनको पकड़कर दे दिया- नवीन, एसआई