पारिवारिक विवादः प्रदर्शन पर मंदिर ने लगाया रोक
सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगाल (पवन शुक्ल) सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित श्री श्याम मंदिर पर निजी व पारिवारिक मामलों को लेकर बैनर, पोस्टर, धरना व प्रर्दशन पर रोक लगाने का प्रस्ताव आज कार्यकारिणी कमेटी की बैठक में लिया गया। मिली जानकारी के गत दिनों मंदिर के कोषाध्यक्ष और शहर के बंसल परिवार के एक मामले को श्याम मंदिर, 2.5 माइल सेवोक रोड, सिलीगुड़ी पर प्रदर्शन और पोस्टर लगाए गए थे।
कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि, श्याम मंदिर, के जिम्मेदारी या दायित्व निर्वहन करने वाले अपने ट्रस्टियों, पदाधिकारियों, कार्यकारी निकाय और अन्य सभी सामान्य सदस्यों के लिए, उनके सभी व्यक्तिगत या पारिवारिक मामलों के लिए या बाजार में किसी भी व्यावसायिक और गैर-व्यावसायिक मामले के लिए किसी भी परिस्थिति में धरना, प्रदर्शन और पोस्टर बाजी नहीं होगा। क्योंकि मंदिर की गरिमा और धार्मिक भावनाओं की रक्षा और सुरक्षा के लिए कार्यकारिणी वचनबद्ध है। बैठक मे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की अगर भविष्य में इस तरह के किसी मामले को लेकर इस तरह का आयोजन किया गया तो वह श्याम मंदिर की गरीमा के विरुद्ध होगा।
इस तरह के क्रियाकलापों से मंदिर की पवित्रता और भक्तो की भावनाएं आहत होगी। इसलिए इस तरह के आयोजन को लेकर कार्यकारिणी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में गत दिनों मंदिर के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल व कुलदीप बंसल के पारिवारिक मामले को लेकर मंदिर परिसर में धरना और पोस्टर लगाया गया। जिससे मंदिर की गरीमा और भक्तों की आस्था को ठेस लगा। इस मामले को लेकर कार्यकारीणी कुलदीप बंसल को एक पत्र जारी करेगा और निर्देश भी दिया जाएगा की भविष्य में प्रदीप बंसल द्वारा इस तरह के अनुचित कार्य मंदिर न किया जाय। बताते चलें कि ज्योति इलेक्ट्रिक के प्रोपराइटर व श्याम मंदिर के कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल के पुत्र का विवाह कुलदीप बंसल की बेटी के साथ हुआ था।
दोनों परिवार के बीच कुछ अनबन हो गई और सामाजिक बैठक में भी कोई सुलह नहीं हो सका और मामला कोर्ट में भी चल रहा है। मालूम हो कि दोनों परिवार का विवाद नहीं सुलझने और रुचि बंसल पर लगे आरोप को लेकर चाचा प्रदीप बंसल उर्फ टीटू ने न्याय की मांग को लेकर ज्योति इलेक्ट्रिक सेवक रोड, व ओम प्रकाश अग्रवाल पंजाबी पाड़ा स्थिति निवास पर धरना प्रर्दशन किया। इसके साथ ही श्री श्याम मंदिर सेवक रोड के कोषाध्यक्ष होने के कारण मंदिर परिसर के सामने भी धरना, प्रर्दशन और पोस्टर लगाया। करीब एक सप्ताह चले इस प्रर्दशन को सोसल मिडिया ने लाइव कवरेज दिया था। जिसके कारण यह मामला शहर हाई प्रोफाइल हो गया।