एनडीए में बिखराव, बुरे दिन शुरू
पटनाः (राजेश कुमार साहु) जिस प्रकार से नीतीश-भाजपा गठबंधन से आम जनता परेशान है ठीक उसी तरह से नीतीश के नेता भी परेशान हो चुके हैं। दलितों-अल्पसंख्यकों को तो यह सरकार पहले से ही ठग रही है। चंद दलालों को पार्टी से जोड़ कर नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों, दलितों का वोट लेकर 15 सालों से मुर्ख बना रहे हैं।
अब और अधिक नहीं बना पायेंगे। यह बातें बेदारी कारवां के नेता नजरे आलम ने कही। उन्होने कहा जनता जाग चुकी है। देश में नफरत की सियासत नहीं चलेगी। दलितों-अल्पसंख्यकों पर जिस प्रकार से केंन्द्र और राज्य की सरकार हमलावर है उससे देश भर के लोगों में बेचैनी पाई जा रही है। जबसे नीतीश ने भाजपा के साथ चोर दरवाजे से सरकार बनाई है तब से और अधिक दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमाला तेज हो गया। पहले जीतन राम मांझी और अब उदय नारायण चैधरी का इस्तीफा यह साबित करता है कि जदयू का खराब दिन शुरू हो चुका है और जल्द ही बड़ा नुकसान भी नीतीश कुमार को उठाना पड़ सकता है।
जो भी सरकार 2019 में सत्ता का ख्वाब देख रही है वह बिना दलितों और अल्पसख्ंयकों के वोट के भूल जाए। बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन का दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो चुका है पिछले दिनों 12 जिला में रामनवमी के त्योहार में दंगा किया गया और जमकर उत्पात मचाया गया। लेकिन नीतीश कुमार ने एक शब्द भी भाजपा के दबाव में नहीं बोला। इसलिए उदय नारायण चैधरी जी ने सही समय पर सही काम किया है। नीतीश गठबंधन महीने दिनों की मेहमान है। देश की सबसे बड़ी आबादी दलितों को नजरअंदाज कर कोई भी राजनीति पार्टी सत्ता नहीं हासिल कर सकती। भाजपा से भी लोगों का मोह भंग हो चुका है। निश्चित रूप से 2019 में भाजपा देश की कुर्सी से बाहर होगी और नीतीश में बदलाव नहीं आया तो वह भी 2019 का ख्वाब देखना भूल जाऐं।